
इंसान ही नहीं, इंसानियत को भी निगल गई हिंसा, दंगाइयों ने स्कूलों को भी नहीं छोड़ा
धीरज कनौजिया
नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा ( Delhi Violence ) में बृजपुरी ( Brijpuri ) की गली नंबर 2 के एक घर का चिराग बुझ गया। छात्र राहुल सिंह मां के मना करने के बावजूद 5 मिनट के लिए घर से बाहर निकला था।
बलवाइयों की गोली उसके पेट में लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं, दंगाइयों ने उस स्कूल को भी नहीं छोड़ा जिसमें हर समुदाय के बच्चें पढ़ते थे।
बृजपुरी के ही अरुण मॉडर्न पब्लिक ( Arun Modern Public) की लाइब्रेरी में जमीन पर महात्मा गांधी और डॉ राजेंद्र प्रसाद पर लिखीं पुस्तकें पड़ी थीं। लाइब्रेरी की धज्जियां उड़ा दी गई।
कक्षाओं में आग लगाई गई। कुर्सी मेज तो क्या ब्लैक बोर्ड को नहीं छोड़ा गया। स्कूल के परिसर में खड़ी कारें ही तोड़ कर आग के हवाले कर दी गई।
स्कूल में मरम्मत का काम तो शुरू होता दिखा लेकिन लगता नहीं यह जल्द ठीक हो जाएगा।
दंगाई इसे बर्बाद करने में इतने आमादा था कि जैसे वे चाहते हो कि यहां कभी बच्चे न पढ़े। यह राहत की बात थी कि यहां मंगलवर शाम को दंगा हुआ।
रविवार को हालात खराब होने के बाद सोमवार को स्कूल की छुट्टी कर दी गई। कुछ कक्षाओं में ब्लैक बोर्ड पर अंग्रेजी का पाठ और कहीं गणित के फार्मूले लिखे हुए थे।
Updated on:
29 Feb 2020 01:14 pm
Published on:
29 Feb 2020 12:52 pm
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