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झीरम घाटी नक्सली हमले के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई

25 मई 2013 को झीरम घाटी हमले ( Jhiram valley naxal attack ) में कांग्रेस नेताओं समेत 29 लोगों की हो गई थी मौत। इस मामले के लिए गठित जांच आयोग द्वारा छह गवाहों की सुनवाई ना करने का मामला। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को होगी सुनवाई, बीते शुक्रवार को अदालत ने दी थी तारीख।

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Jhiram Valley Naxal Attack: Supreme Court to hear Chhattisgarh govt plea tomorrow

Jhiram Valley Naxal Attack: Supreme Court to hear Chhattisgarh govt plea tomorrow

नई दिल्ली। वर्ष 2013 के झीरम घाटी नक्सली हमले ( Jhiram valley naxal attack ) की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग द्वारा अतिरिक्त गवाहों की जांच से इनकार किए जाने के बाद इसके खिलाफ दाखिल छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार 29 सितंबर को सुनवाई करेगा। इस हमले में राज्य कांग्रेस के नेताओं सहित 29 लोग मारे गए थे।

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राज्य सरकार ने इस मामले में अतिरिक्त गवाहों की जांच के लिए विशेष न्यायिक जांच आयोग को निर्देश देने की अपनी याचिका खारिज करने के छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेशों को चुनौती दी थी। 25 मई 2013 को नक्सलियों ने बस्तर जिले के दरभा इलाके में झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के एक काफिले पर हमला किया था, जिसमें 29 लोगों की मौत हो गई थी। जिसमें तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल शामिल थे।

बीते शुक्रवार को न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह 29 सितंबर को मामले की सुनवाई करेंगे। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ को बताया था कि आयोग ने छह महत्वपूर्ण गवाहों की गवाही दर्ज करने के अनुरोध को खारिज कर दिया था और जांच बंद कर दी थी।

उन्होंने कहा कि आयोग ने कांकड़ स्थित जंगल वारफेयर ट्रेनिंग स्कूल के निदेशक बीके पंवार को विशेषज्ञ के रूप में अपने साक्ष्य दर्ज कराने से इनकार कर दिया था और राज्य की प्रार्थना को खारिज कर दिया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आयोग ने छह गवाहों की सूची में से किसी की भी जांच नहीं की।

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इस दौरान छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता एससी वर्मा भी मौजूद रहे। राज्य सरकार के स्थायी वकील सुमेर सोढी के माध्यम से दायर अपील में कहा गया कि 29 जनवरी को बिलासपुर में उच्च न्यायालय की पीठ ने 12 दिसंबर 2019 को पारित एकल न्यायाधीश के आदेश के साथ हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था और अतिरिक्त गवाहों के परीक्षण की याचिका खारिज कर दी थी।

इसमें बताया गया कि 11 अक्टूबर 2019 को आयोग ने अधिक गवाहों की जांच करने के लिए राज्य की प्रार्थना को खारिज कर दिया और उक्त गवाहों की जांच किए बिना जांच की कार्यवाही को बंद कर दिया था, जो आयोग और उद्देश्य के लिए प्रासंगिक थे।