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वह जवान नहीं बल्कि एक भगोड़ा था
उधर, इससे पहले भारतीय सेना ने साफ किया कि जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में एक युवक की आतंकवादियों ने गोलीमार कर हत्या कर दी थी, वह जवान नहीं बल्कि एक भगोड़ा था। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया के अनुसार भर्ती शौकत अहमद नाईक ने कभी एक जवान के रूप में शपथ नहीं ली थी। उसे 15 जनवरी 2018 को प्रादेशिक सेना में पंजीकृत किया गया था। वह जम्मू एंड कश्मीर के लाइट इंफ्रेंट्री (जेएकेएलआई) रेजीमेंट सेंटर में 21 मार्च 2018 को गया।
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तीन दिन की छुट्टी पर गया और कभी नहीं लौटा
यह व्यक्ति 14 सितंबर 2018 को तीन दिन की छुट्टी पर गया और कभी नहीं लौटा। प्रवक्ता के अनुसार उसे 17 सितंबर को भगोड़ा घोषित किया गया था। इससे पहले पुलिस सूत्रों ने कहा था कि जेएकेएलआई के जवान आशिक हुसैन (25) की पुलवामा जिले के पिंगलेना गांव में आतंकवादियों ने हत्या कर दी। आपको बता दें कि पुलवामा हमले और उसके बाद पाकिस्तान में की गई भारतीय एयर स्ट्राइक के बाद कश्मीर में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं।