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कठुआ गैंगरेप: बचाव पक्ष का बड़ा आरोप, दस्तावेजों के अनुवाद में हुई छेड़छाड़

17 जनवरी,2018 को जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार के बाद निर्मम हत्या कर फेंका गया शव मिला था।

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Kathua gangrap

कठुआ गैंगरेप: बचाव पक्ष का बड़ा आरोप, दस्तावेजों के अनुवाद में हुई छेड़छाड़

नई दिल्ली। पूरे देश को दहलाकर रख देने वाले कठुआ गैंगरेप मामले की सुनवाई पंजाब के पठानकोट कोर्ट में सुनवाई जारी है। मंगलवार को इस गैंगरेप और हत्या मामले में बचाव पक्ष ने अभियोजन पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए। बचाव पक्ष ने ने कहा कि दूसरे पक्ष ने अदालत को जो उर्दू से अंग्रेजी में अनुदित दस्तावेज मुहैया कराए हैं, उनमें अनुवाद में काफी छेड़छाड़ की गई है।

दस्तावेजों के अनुवाद में छेड़छाड़ का आरोप

पठानकोट जिला एवं सत्र अदालत में रोजाना सुनवाई के दसवें दिन बचाव पक्ष के वकील असीम साहनी और ए के साहनी के अनुसार जिस आरोपी ने जुविनाइल होने की प्रार्थना कोर्ट को दी थी, उस पर कोर्ट ने मेडिकल की रिपोर्ट मांगी है। बचाव पक्ष ने आज अदालत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जो उर्दू से अंग्रेजी में अनुवादित कापियां उन्हें दी गई है उनमें छेड़छाड़ (टेंपरिंग) की गई है

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कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से मांगा जवाब

बचाव पक्ष की दलील को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से बुधवार तक अपनी दलील पेश करने को कहा है। बचाव पक्ष ने अदालत से यह शिकायत भी की कि आरोपियों को उनके परिजनों से मिलने नहीं दिया जा रहा।

पूरी नहीं हो सकी पहले गवाह की जिरह

मंगलवार को ही अदालत में प्रथम गवाह की वो जिरह एकबार फिर पूरी नहीं हो पाई जो सोमवार को शुरू हुई थी। इस कारण आज कोई नई गवाही इस केस में नहीं हुई । जो भी गवाह इस केस में पेश करने के लिए आए थे । उनको सुरक्षा के कारण किसी के सामने नहीं लाया गया है।

31 मई को जम्मू से पठानकोट ट्रांसफर हुआ केस

इससे पहले अदालत ने 7 जून को कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार के बाद निर्मम हत्या मामले में सात आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए। जिला एवं सत्र न्यायालय ने यहां आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ आरोप तय कर दिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामले को जम्मू-कश्मीर से यहां स्थानांतरित किया गया और मामले की सुनवाई 31 मई से शुरू हुई थी।