12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कठुआ रेप केस: सीबीआई जांच की मांग को लेकर बीजेपी के इस मंत्री ने किया नंगे पाव मार्च

भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल सिंह ने कठुआ दुष्कर्म मामले की सीबीआई कराने की मांग करते हुए रविवार को कठुआ जिले में नंगे पैर मार्च का नेतृत्व किया।

2 min read
Google source verification
Kathua Rape Case

कठुआ रेप केस: सीबीआई जांच को लेकर बीजेपी के इस मंत्री ने किया नंगे पांव चले मार्च

नई दिल्ली। पूर्व राज्य मंत्री व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लाल सिंह ने कठुआ दुष्कर्म एवं हत्या मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा (सीबीआई) कराने की मांग करते हुए रविवार को जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ जिले में नंगे पाव एक मार्च का नेतृत्व किया। लाल सिंह करीब पांच घंटे तक नंगे पांव चले, जिसके बाद उनके समर्थकों ने उनसे वाहन में बैठने का आग्रह किया क्योंकि उनके पैर में छाले पड़ गए थे।

मसूरी के एक प्रतिष्ठित बोर्डिंग स्कूल में रैगिंग के नाम पर 4 छात्राओं से रेप, ऐसे हुआ खुलासा

आठ वर्षीय बच्ची के साथ रेप का मामला

राज्य सरकार पर कठुआ मामले की जांच सीबीआई द्वारा कराने का दबाव बनाने के लिए यह मार्च निकाला गया। इस साल जनवरी में हीरानगर क्षेत्र में हिंदू एकता मंच द्वारा आयोजित की गई रैली में शामिल होने पर बवाल मचने के बाद लाल सिंह और भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता चंद्र प्रकाश गंगा ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। राज्य की अपराध शाखा कठुआ जिले के रासना में आठ वर्षीय बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर देने के मामले में पहले ही आठ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।

कर्नाटक में गठबंधन की कैसी होगी सियासी डगर? कांग्रेस को लेकर कुमारस्वामी कह चुके हैं इतनी बड़ी बात...

सोशल साइटस को हाईकोर्ट का नोटिस

वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट ने सोशल साइटस गूगल, फेसबुक और ट्विटर के अलावा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी किए हैं। बताया जा रहा है कि इन सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ये नोटिस आपत्तिजनक कंटेट देश के सामने पेश करने को लेकर दिया गया है। इन कंटेंट में कठुआ बलात्कार और हत्या मामले की पीड़ित बच्ची की पहचान का खुलासा हुआ था। अदालत ने ये नोटिस तब जारी किये जब इन सोशल मीडिया कंपनियों की भारतीय सहायक कंपनियों ने पीठ को बताया कि वो मुद्दे पर अदालत के नोटिस का जवाब देने के लिए संबंधित इकाई नहीं हैं।