
1984 दंगा: महेंद्र यादव और किशन खोखर का सेरंडर स्वीकार, सुबह से गायब हैंं सज्जन कुमार
नई दिल्ली। सिख दंगा मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले कांग्रेस नेता सज्जन कुमार ने कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर कर दिया। आज सुबह से ही सरेंडर को लेकर उनके बारे में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन अब सभी तरह की चर्चाओं पर विराम लग गया है। इस मामले में उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट से 30 जनवरी तक का समय मांगा था जिसे अदालत 21 दिसंबर को खारिज कर दिया था। दूसरी तरफ सिख समुदाय के लोगों ने बताया है कि इस घटना से दंगा पीडि़तों में न्याय की उम्मीद जगी है। इससे पहले सिख विरोधी दंगा 1984 से संबंधित मामले में दोषी करार दिए गए महेंद्र यादव और किशन खोकर ने आज दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। अदालत ने इस मामले में दोनों का आवेदन स्वीकार कर लिया है। महेंद्र यादव के अनुरोध पर कोर्ट ने चलने में इस्तेमाल होने वाली छड़ी और चश्मा साथ रखने की अनुमति दी है। सिख दंगा से जुड़े सज्जन कुमार वाले मामले में इन दोनों को भी उनके साथ आरोपी बनाया गया था।
यहं कर सकते हैंं सरेंडर करेंगे
बताया जा रहा है कि उम्रकैद की सजा पाने वाले सज्जन कुमार को सोमवार सुबह करीब साढ़े सात बजे आवास से निकलते देखा गया था। लेकिन उसके बाद से वो कहां हैं, इसकी खबर किसी को खबर नहीं है। उनके मामले में कहा जा रहा है कि वह दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट या तिहाड़ जेल प्रशासन के सामने सरेंडर कर सकते हैं। सज्जन कुमार के वकील अनिल कुमार शर्मा ने कहा था कि हम उच्च न्यायालय के फैसले का अनुपालन करेंगे। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उनकी अपील पर 31 दिसंबर से पहले सुनवाई की संभावना नहीं है।
याचिका नहीं हुई थी स्वीकार
आपको बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर को 73 वर्षीय पूर्व सांसद सज्जन कुमार को शेष सामान्य जीवन के लिए उम्रकैद और पांच अन्य दोषियों को अलग अलग अवधि की सजा सुनाई थी। उन्हें 31 दिसंबर तक समर्पण करने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने 21 दिसंबर को अदालत में समर्पण की अवधि 30 जनवरी तक बढ़ाने का सज्जन कुमार का अनुरोध अस्वीकार कर दिया था।
Updated on:
31 Dec 2018 04:59 pm
Published on:
31 Dec 2018 01:59 pm
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