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दूसरी महिला को वश में करने के लिए शादीशुदा शख्स ने दी उल्लू की बलि, अगले दिन पिता की हुई मौत

आरोपी के जीजा ने उसे दिवाली की रात उल्लू के जरिए तंत्र क्रिया से स्त्री को वश में करने और धन वैभव मिलने की बात कही थी।

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दूसरी महिला को वश में करने के लिए शादीशुदा शख्स ने दी उल्लू की बलि, अगले दिन पिता की हुई मौत

नई दिल्ली। किसी को पाने की चाहत इंसान को क्या कुछ नहीं कराती है। कभी-कभी यह चाहत भारी भी पड़ती है। ऐसा ही एक वाकया राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सामने आया है। यहां पर एक विवाहित व्यक्ति ने पराई स्त्री को पाने की चाहत में उल्लू की बलि दे दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इलाके में दहशत का माहौल है।

पराई स्त्री पर थी नजर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कन्हैया लाल नामक व्यक्ति एक महिला से प्रेम करता था उसे वश में करने के लिए वशीकरण के टोटके कर रहा था। जिसके लिए वह उल्लू की बलि भी दे रहा था। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किया गया 40 वर्षीय कन्हैया लाल सुल्तानपुरी का रहने वाला है। वह पेशे से ड्राइवर है। उसकी पत्नी और तीन बच्चे भी हैं। उसने पूछताछ में बताया कि वह एक महिला से प्यार करता है और उसे वश में करने के लिए तंत्र-मंत्र कर रहा था। उसके जीजा (कन्नू) ने उसे दिवाली की रात उल्लू के जरिए तंत्र क्रिया से स्त्री को वश में करने और पैसा आने की बात कही थी। कन्हैया के जीजा ने बताया था कि जिसे वश में करना हो, उस महिला के बाल से उल्लू के पंख को मिलाकर प्रतिदिन पूजा की जाए तो यह मुमकिन है।

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पिता की हो गई मौत
कहा जा रहा है कि कन्हैया ने दिवाली के दिन उल्लू की बलि दी थी, अगले ही दिन उसके पिता की मृत्यु हो गई। लेकिन फिर भी वह नहीं माना। रोज उल्लू से जुड़ी तंत्र क्रिया करता रहा। इससे उसके पड़ोसी भी डरे रहते। किसी ने उसकी शिकायत कर दी। पुलिस ने उसके घर से मरे हुए उल्लू बरामद किए हैं। बता दें कि पिता के गुजर जाने का कारण काला जादू के ऐंगल को पुलिस ने खारिज कर दिया है। उनके मरने की वजह डिहायड्रेशन बताया गया है।

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दिवाली पर बढ़ जाती है उल्लुओं की डिमांड

जानवरों के हक की आवाज उठाने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि दि तंत्र-मंत्र से जुड़ी क्रियाओं में उल्लुओं पर खतरा मंडराता रहता है। दिवाली के सीजन पर उल्लुओं की मांग बढ़ जाती है। कहा जाता है कि एक उल्लू को 35 हजार रुपए तक में बेचा जाता है। बता दें कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत उल्लू को संरक्षित पक्षियों की सूची में रखा गया है। उन्हें पकड़ने, कैद कर रखने, बेचने-खरीदने या किसी तरह का कोई नुकसान पहुंचाने में 3 साल तक का कारावास और जुर्माना हो सकता है। इसके बावजूद बहुत बड़े स्तर पर उल्लुओं की स्मगलिंग की जाती है। इनके नाखुनों और बालों के लिए भी उल्लुओं का शिकार होता है।