19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

निर्भया केसः दोषियों के वकील की दलील, जल्दबाजी में न्याय देना मतलब न्याय को दफनाना

Nirbhaya Case दोषियों ने बचाव के लिए चला दांव वकील एपी सिंह ने न्याय में जल्दबाजी ना करने की अपील की दिल्ली कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

2 min read
Google source verification

नई दिल्ली।निर्भया गैंगरेप मामले ( Nirbhaya Gangrape Case ) में रोज नए मोड़ सामने आ रहे हैं। एक बार फिर चारों दोषियों को बचाने के लिए वकील ने अपनी नई चाल चली है। दोषियों को वकील एपी सिंह ने केंद्र की याचिका पर कहा है कि जल्दबाजी में न्याय का मतलब है न्याय को दफनाना।

साथ ही दोषियों ने दिल्ली उच्च न्यायालय ( Delhi High Court ) में दलील दी कि चूंकि उन्हें एक ही आदेश के जरिए मौत की सजा सुनाई गई है, इसलिए उन्हें एक साथ फांसी देनी होगी और उनकी सजा पर अलग-अलग समय पर क्रियान्वयन नहीं किया जा सकता।

निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए तिहाड़ जेल ने उठाया बड़ा कदम

फैसला रखा गया सुरक्षित
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया , जिसमें चार दोषियों की फांसी की सजा की तामील पर रोक को चुनौती दी गई है।
न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कहा है कि कोर्ट सभी पक्षों की ओर से अपनी दलीलें पूरी किए जाने के बाद अपना फैसला सुनाएगी।

सॉलिसिटरः कानून का गलत इस्तेमाल कर रहे दोषी
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने निर्भया के दोषियों पर कानून का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। मेहता ने कोर्ट से कहा है कि दोषी सुनियोजित तरीक से मामले का आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।

'समाज और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए इन सभी दोषियों को तुरंत फांसी पर लटकाने की जरूरत है'। उन्होंने बताया कि देरी के लिए दोषियों की ओर से जान-बूझकर प्रयास किए जा रहे हैं। तुषार मेहता ने कहा, 'ये जानबूझ कर किया जा रहा है. ये न्याय के लिए हताशा की स्थिति है. इन्होंने एक लड़की का सामूहिक रेप किया था।'

जबकि दोषियों को वकील एपी सिंह ने न्याय देने की जल्दबाजी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि दोषी गरीब, ग्रामीण और दलित परिवार से ताल्लुक रखते हैं कोर्ट को यह बात ध्यान में रखना चाहिए।