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हवाला के जरिये दिल्‍ली में होती थी टेरर फंडिंग, यहां से इन पैसों को जम्‍मू-कश्‍मीर पहुंचाता था वानी

एनआइए को पता चला है कि एफआइएफ के डिप्टी चीफ और पाकिस्‍तानी निवासी कामरान जम्‍मू-कश्‍मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए सलमान को टेरर फंडिंग किया करता था।

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हवाला के जरिये दिल्‍ली में होती थी टेरर फंडिंग, यहां से इन पैसों को जम्‍मू-कश्‍मीर पहुंचाता था वानी

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए को आतंकी संगठन फलह-ए-इंसानियत (एफआइएफ) से टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार मोहम्‍मद सलमान से कुछ बेहद अहम सुराग मिले हैं। एनआइए को पता चला है कि एफआइएफ के डिप्टी चीफ और पाकिस्‍तानी निवासी कामरान जम्‍मू-कश्‍मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए सलमान के जरिये टेरर फंडिंग किया करता था। इस सिलसिले में सलमान से कामरान चार साल के भीतर दुबई में तीन बार मिल चुका है। बता दें कि एनआइए ने 25 सितंबर को सलमान, मोहम्‍मद सलीम और जम्मू निवासी सज्जाद अहमद वानी को गिरफ्तार किया था। उस वक्‍त इनके पास से उसे 1.56 करोड़ रुपए और 14 मोबाइल मिले थे।

हवाला के जरिये आतंकी गतिविधि के लिए पहुंचाई जाती थी रकम
मोहम्‍मद सलमान के पास हवाला के जरिये दिल्‍ली रकम पहुंचती थी। इन पैसों को जम्मू-कश्मीर के आतंकियों तक सज्जाद अहमद वानी पहुंचाता था। बता दें कि वानी का ताल्‍लुक जम्मू-कश्मीर के व्यापारिक घराने से है। राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी इसके पारिवारिक कारोबार का डेटा जुटाने में लगी है।

धार्मिक तथा सामाजिक कार्यों को बनाता था फंडिंग का आड़
राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी को यह भी पता चला है कि टेरर फंडिंग से मिले पैसे का एक छोटा-सा हिस्सा वह धार्मिक और सामाजिक कार्यों में लगाता था, ताकि इस नाम पर फंडिंग लेने में कोई बाधा न आए। यह सारे सामाजिक और धार्मिक काम मोहम्‍मद सलमान की ही देखरेख चलते थे। वह इन पैसों का एक छोटा सा हिस्‍सा हरियाणा, गुजरात और राजस्थान जैसे राज्‍यों में सामाजिक और धार्मिक कार्यों में पैसा लगाता था।