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80 साल की बुजुर्ग महिला की मासिक आमदनी 14 हजार और स्विस बैंक में 96 करोड़ रुपए कालाधन, अब वसूला जाएगा जुर्माना

80 year old elderly woman के Swiss bank accounts में 196 करोड़ रुपए Black moneyमिली यह elderly woman केवल 14 हजार रुपए मासिक आमदनी होने का दावा करती है

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80 साल की बुजुर्ग महिला की मासिक आमदनी 14 हजार और स्विस बैंक में 96 करोड़ रुपए कालाधन, अब वसूला जाएगा जुर्माना

80 साल की बुजुर्ग महिला की मासिक आमदनी 14 हजार और स्विस बैंक में 96 करोड़ रुपए कालाधन, अब वसूला जाएगा जुर्माना

नई दिल्ली। 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला ( 80 year old elderly woman ) से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस महिला के स्विस बैंक खाते ( Swiss bank accounts ) में 196 करोड़ रुपए ब्लैक मनी ( Black money ) मिली है। हैरत में डालने वाली बात यह है कि यह बुजुर्ग महिला केवल 14 हजार रुपए मासिक आमदनी होने का दावा करती है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आयकर अपीलीय अधिकरण ( ITAT ) की मुंबई बेंच के आदेश के बाद अब आरोपी महिला से हर्जाना वसूला जाएगा। दरअसल, अब वृद्धा से टैक्स के साथ ही पेनाल्टी भी वसूली जाएगी।

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दरअसल, 80 वर्षीय रेणु थरानी का एचएसबीसी जेनेवा में खाता है। स्विस बैंक में थरानी फैमिली ट्रस्ट के नाम के इस बैंक की इकलौती विवेकाधीन लाभार्थी हैं। केमन आइलैंड आधारित जीडब्ल्यू इन्वेस्टमेंट के नाम पर इस बैंक खाते को जुलाई 2004 में आॅपन किया गया था। जिसके बाद इस कंपनी ने व्यवस्थापक के तौर पर फंड को फैमिली ट्रस्ट को स्थानातंरित कर दिया। मामले में खुलासा तब हुआ जब 2005-06 में दाखिल आईटी रिटर्न के समय थरानी इसकी जानकारी छिपाई। यह मामल 31 अक्टूबर 2014 को रि—आॅपन किया गया। इस दौरान थरानी की ओर से एक शपथपत्र दिया गया, जिसमें बताया गया कि उनका एचएसबीसी जेनेवा में कोई बैंक खाता नहीं है। यही नहीं यह भी बताया गया कि वह जीडब्ल्यू इन्वेस्टमेंट बैंक में डायरेक्टर या शेयरहोल्ड नहीं थीं। इसके साथ ही थरानी को खुद को नॉन रेजिडेंट भी बताया। उन्होंने दावा किया कि अगर कोई ऐसा धन है भी तो उससे पर कोई कर नहीं लगाया जा सकता।

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थरानी ने अपने आईटी रिटर्न में इस बात का भी जिक्र किया कि उनकी सालाना आमदनी केवल 1.7 लाख रुपए है। उन्होंने इसमें बेंगलुरु का अड्रेस दिया था और करदाता स्टेटस इंडियन बताया। इस पर जब ITAT बेंच को शक हुआ तो उसने सवाल खड़ा किया कि ऐसा कैसे हो सकता है कि वह तब वह एनआरआई रेजिडेंशियल स्टेटस के फर्स्ट ईयर में हों और इतने से टाइम में 200 करोड़ रुपए खाते में जमा हो गए।