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ऐसे दिया था घटना को अंजाम
गौरतलब है कि कठुआ की आठ साल की बच्ची का 10 जनवरी को अपहरण कर लिया गया था। बच्ची को एक मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया। इस दौरान उसे भूखा रखा गया और नशीली दवाइयां दी गई और बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। इसके बाद बच्ची की हत्या कर दी गई। बच्ची का शव 17 जनवरी को रसाना गांव के जंगल से मिला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इस घटना की निंदा करते हुए कहा था कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में हेड कांस्टेबल, एक सब-इंस्पेक्टर, दो विशेष पुलिस अधिकारी सहितआठ लोग गिरफ्तार किए गए और उनमें से सात के खिलाफ आरोप दायर किया गया है। कठुआ मामले के विरोध में हुई रैली में शामिल होने के बाद शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के दो मंत्रियों चौधरी लाल सिंह और चंदर प्रकाश गंगा ने पद से इस्तीफा दे दिया।
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उठी मुआवजे की मांग
वहीं, बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या किए जाने के बाद जम्मू बार एसोसिएशन ने मृतका के परिजनों को मुआवजा देने और सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष बी.एस. सलाथिया ने यहां जारी एक बयान में कहा है कि ऐसा जघन्य अपराध करने वालों को कठोर सजा देने की मांग को लेकर शनिवार शाम मोमबत्ती जुलूस निकाला जाएगा।