
गाजियाबाद. योगी सरकार (Yogi Government) की तमाम सख्ती के बावजूद उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) के अधिकारी खाकी को दागदार बनाने में लगे हुए हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है गाजियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police)। पिछले माह जहां लिंक रोड थाने की एसएचओ लक्ष्मी चौहान (Inspector Laxmi Chauhan) समेत सात पुलिसकर्मियों ने बरामदगी के 70 लाख रुपये डकार लिये थे। वहीं अब 22 अक्टूबर को इंदिरापुरम थाने के तत्कालीन एसएचओ दीपक शर्मा (Inspector Deepak Sharma) व दो दराेगा जुआरियों से रिश्वत लेकर छोड़ने के मामले में दोषी पाए गए हैं। लक्ष्मी चौहान समेत सात पुलिसकर्मी अब सलाखों के पीछे हैं। वहीं इंस्पेक्टर दीपक शर्मा व उनके दो सहयोगी इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया है।
इस संबंध में आईजी आलोक कुमार सिंह (IG Alok Kumar Singh) का कहना है कि जीरो टालरेंस व सिस्टम में पारदर्शिता सरकार की प्राथमिकता है। सरकार (Government) की इसी मंशा को देखते हुए कार्य किया जा रहा है। अलग-अलग आरोपों में कुछ पुलिसकर्मियों की जांच की जा रही है। इन मामलों में कांस्टेबल से लेकर सीओ तक शामिल है। जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। वहीं सूत्रों की मानें तो 30 से अधिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ अंतिम दौर में है। इन पर किसी भी समय कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
रिश्वत के आरोप में सस्पेंड हुआ इंस्पेक्टर दीपक शर्मा
गाजियाबाद के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि 22 अक्टूबर को इंस्पेक्टर दीपक शर्मा ने सटोरियों और जुआरियों से 14 लाख रुपए की रिश्वत लेकर उन्हें बिना कार्रवार्इ के छोड़ दिया था। इसके बाद इंस्पेक्टर दीपक शर्मा को लाइनहाजिर कर दिया गया था। इस पूरे मामले की जांच सीआे केशव कुमार को सौंपी गई थी। सीओ की जांच के बाद दीपक शर्मा के साथ दो सब इंस्पेक्टरों को भी दोषी पाया गया है। इनके कब्जे से रिश्वत की राशि में से 4,06,000 रुपये भी बरामद किए गए हैं। फिलहाल इंस्पेक्टर दीपक शर्मा और उनके सहयोगी सब इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा दीपक शर्मा के खिलाफ थाना इंदिरापुरम में ही केस दर्ज कराया गया है।
इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान पहुंची सलाखों के पीछे
बता दें कि बदमाशों से लूट की रकम बरामद कर 70 लाख रुपये डकारने वाली इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान समेत सभी पुलिसकर्मियों को सलाखों के पीछे भेज दिया गया है। लक्ष्मी चौहान की वजह से गाजियाबाद पुलिस की खासी किरकिरी हुर्इ थी। ज्ञात हो कि साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र स्थित सीएमएस इंफो सिस्टम कंपनी शहर के एटीएम में कैश डालने का काम करती है। कंपनी ने 22 अप्रैल को लिंक रोड थाने में अपने कैश कस्टोडियन एजेंट राजीव सचान के खिलाफ 72.50 लाख रुपये गबन का मामला दर्ज कराया था। जांच में यह मामला साढ़े तीन करोड़ रुपये के गबन का निकला।
इस मामले में इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान ने 24 सितंबर को राजीव सचान को साथी आमिर के साथ गिरफ्तार कर उनसे 1.15 करोड़ रुपये बरामद कर लिए, लेकिन पुलिस फर्द में केवल 45 लाख 81 हजार 500 रुपये की बरामदगी ही दर्शाए। जब इस पर जांच शुरू हुर्इ तो इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान व उनके साथी पुलिसकर्मी फरार हो गए। जब वह नहीं मिली तो पुलिस ने सभी फरार पुलिसकर्मियों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित कर दिया। इसके बाद गुरुवार को लक्ष्मी चौहान के साथ सभी आरोपी पुलिसकर्मियों ने मेरठ की एंटी करप्शन कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
Published on:
11 Nov 2019 05:24 pm
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