
उत्तराखंड :'ऑल वेदर रोड' परियोजना के तरत धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं पेड़, एनजीटी ने जताई नाराजगी
नई दिल्ली। उत्तराखंड के चार धामों को जोड़ने वाली 'ऑल वेदर रोड' परियोजना का काम जोर-शोर से चल रहा है। केंद्र सरकार इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने में लगी हुए है। काम की जल्दबाजी इतनी है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के नोटिसों पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। इसी को लेकर एनजीटी और केंद्र सरकार आमने-सामने आ गए हैं।
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बड़ी संख्या में काटे जा रहें है जंगल
बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को आपस में चौड़ी और हर मौसम में खुली रहने वाली सड़क को बनाने में केंद्र सरकार इस कदर लगी है कि उसे जंगलों के कटने का भी ध्यान नहीं। दरअसल इस परियोजना की वजह से काफी मात्र में जंगल से पेड़ काटे जा रहे हैं, जिस पर एनजीटी ने नाराजगी जताई है।
25 हजार पेड़ काटे जा चुके हैं
बता दें कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हाइवे परियोजना का शुभारंभ किया था। इस परियोजना के तहत अब तक करीब 400 किलोमीटर तक सड़कें चौड़ी की जा चुकी हैं। लेकिन इस दौरान करीब 25 हजार पेड़ काटे भी गए हैं। इतनी मात्रा में पेड़ों के काटे जाने से पर्यावरणवादी चिंतित हैं। वहीं, सरकार की तरफ़ से इसे लेकर अब तक कोई टिप्प्णी नहीं आई है।
मानक पर सवाल उठना लाजमी
पर्यावरणवादी का कहना है कि उन्होंने इस परियोजना के काम को देखा है। इस परियोजनाक के तहत पहाड़ जिस ढंग से काटे जा रहे हैं, मोड़ जिस तरह से निकाले जा रहे हैं, वो जोखिम भरा है। वहीं, मलबे की डंपिंग को लेकर कोई नीति नहीं है। ऐसे में इस मानक पर सवाल उठना लाजमी है।"
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2020 तक तैयार होने का लक्ष्य
आपको बता दें कि करीब 12 हजार करोड़ रुपए की और 880 किलोमीटर से ज़्यादा सड़क चौड़ीकरण वाली केंद्र सरकार की इस परियोजना को अगले साल मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य था। लेकिन पिछले दिनों लोकसभा में सरकार ने बताया कि अब ये परियोजना मार्च 2020 तक तैयार हो जाएगा।
Published on:
05 Jun 2018 02:36 pm
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