300 से ज्यादा हादसे हो चुके अब तक जनवरी से मई में अब तक 300 से ज्यादा सड़क हादसे हो चुके हैं। औसतन रोज 2 से ज्यादा हादसे हो रहे हैं। इस दौरान तीन दर्जन से ज्यादा की मौत और सैकड़ों लोग घायल भी हुए। बता दें कि सड़क हादसों की बार बार हो रही पुनरावृत्ति न सिर्फ जानें ले रही है, बल्कि जिले की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रही है।
वो हादसे जिनमें 2 से ज्यादा की मौत हुईं 1. घटनास्थल: मारा के पास, छतरपुर हाईवे।विवरण: रविवार को किशनगंज निवासी पति-पत्नी और बेटी बाइक से शादी से लौट रहे थे। रास्ते में तेज रफ्तार ट्रक ने रौंद दिया।
कारण: इमलाई से नरसिंहगढ़ मार्ग पर भारी वाहनों की तेज रफ्तार और अंधाधुंध दौड़। इमलाई के पास ब्लैक स्पॉट भी हादसों की वजह है। 2. घटनास्थल: महादेवघाट पुल, सिमरी।विवरण: अप्रैल में बांदकपुर से दर्शन कर लौट रहा परिवार कार सहित पुल से नीचे गिर गया। इस हादसे में 8 लोगों की मौके पर मौत हो गई।
कारण: पीएमजीएसवाई के तहत बनी सड़क पर सुरक्षा रैलिंग नहीं थी। पुल के एप्रोच रोड पर रैलिंग का न होना हादसे की मुख्य वजह बनी। 3. घटनास्थल: समन्ना के पास, कटनी मार्गविवरण: सितंबर 2024 में बांदकपुर से दमोह लौट रहे लोगों से भरे ऑटो को ट्रक चालक ने कुचल दिया। इसमें 9 लोगों की जान गई थी।
कारण: ट्रक चालक शराब के नशे में था और काफी तेज गति से वाहन चला रहा था। नशे और लापरवाही में वाहन चलाना हादसे का प्रमुख कारण बना। 4. घटनास्थल: हरदुआ गांव, जबलपुर हाईवे।विवरण: 5 मई को जबलपुर हाईवे पर खड़े ट्रैक्टर-ट्रॉली में ट्रक ने टक्कर मारी। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई।
कारण: ट्रक बहुत तेज रफ्तार में था। चालक ने लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाया और खड़े ट्रैक्टर में टक्कर मारी। वर्जनसड़क हादसों की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हादसों को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस नियमों का सख्ती से पालन करा रही है। संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाई जाएगी।
-संदीप मिश्रा, एडिशनल एसपी दमोह