
दमोह. खजाने की खोज में कई लोग कई तरह के जतन करते हैं लेकिन फिर भी उन्हें खजाना नहीं मिलता और कई बार बिना कुछ किए ही लोगों को खजाना मिल जाता है। ऐसा ही एक मामला दमोह में सामने आया है जहां एक मकान निर्माण के लिए खुदाई कर रहे मजदूर को खुदाई के वक्त खजाना मिल गया। चांदी के सिक्कों से भरा मटका मिलने पर मजदूर चुपचाप उसे छिपाकर अपने घर ले गया जिसकी भनक मालिक को तक नहीं लगी।
खुदाई में मिला खजाना
खुदाई के दौरान खजाना मिलने का मामला दमोह शहर के बड़ापुरा इलाके का है जहां रहने वाला मजदूर हल्ले अहिरवार बुधवार की सुबह चांदी के सिक्कों से भरा एक मटका लेकर कोतवाली थाने पहुंचा। टीआई को चांदी के सिक्कों का मटका देते हुए मजदूर ने बताया कि ये सिक्के उसे मीनाक्षी उपाध्याय के मकान के लिए की जा रही खुदाई के दौरान मिले थे। सिक्के देखकर उसकी नीयत खराब हो गई थी और वो चुपचाप मटके को छिपाकर अपने घर ले आया था। लेकिन रातभर उसकी नींद नहीं आई तो उसने सोचा कि इन सिक्कों को पुलिस के सुपुर्द कर देगा और सुबह होते ही सिक्के लेकर पुलिस थाने आ गया।
ब्रिटिश काल के हैं सिक्के
पुलिस ने सिक्कों को जब्त कर जिस जगह पर सिक्के मिले थे उसका निरीक्षण करने के बाद नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कही है। जो सिक्के मजदूर ने पुलिस को सौंपे हैं उनकी संख्या 240 है जो कि ब्रिटिश काल के हैं इन पर रानी विक्टोरिया का जिक्र है। जानकार बताते हैं कि रानी विक्टोरिया के समय के इन सिक्कों की वर्तमान में कीमत 800-100 रुपए प्रति सिक्का है। इस हिसाब से इन सिक्कों की कीमत दो लाख रुपए के आसपास होनी चाहिए। वहीं इस मामले में जब मीडिया में खबरें आईं तब कहीं जाकर मकान मालिक मीनाक्षी उपाध्याय को खुदाई के दौरान सिक्के मिलने का पता चला।
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Published on:
19 Apr 2023 07:55 pm
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