
CG News: किसानों को समृद्ध बनाने के लिए सरकारें पूरजोर प्रयास कर रही है। बावजूद प्रशासन इस दिशा में काम करने ढिलाई बरत रहा है। ऐसे ही एक मामले में किसानों को वितरित करने वाले करोड़ों के उपकरण पुराने कृषि विभाग की इमारत में कैद है। ये उपकरण जर्जर इमारत में जर्जर हो रहे हैं।
इनका क्या उपयोग है इस बारे में विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कह रहे हैं उनको मालूम ही नहीं है कि उनके पूराने कार्यालय में इस तरह से उपकरण जमा है। अधिकारी कह रहे हैं पता करवाते है आखिर उनका वितरण क्यों नही क्यों नही किया गया है।
खेती किसानी में इस्तेमाल होने वाले तमाम उपकरण जैसे पाईप, धान को साफ करने वाली मशीन, खुरपी, कुदाल, रांपा तगाड़ी और वाटर पंप कृषि विभाग के पूराने कार्यालय में जंग खा रहे हैं। बताया जा रहा है ये उपकरण दो चर्ष से पड़े हुए हैं। इन उपकरणों की जानकारी विभाग के जिम्मेदारों को भी नही हैं।
विभाग दावा जरूर करता है किसानों को पूराी सुविधा दी जा रही है और दंतेवाड़ा जिले को जैविक जिला बनाया जा रहा है। ये तस्वीरें खुद बयां कर रही है किसानों के नाम पर किस तरह से कृषि विभाग में जमकर सप्लाई हो रही है। इस सप्लाई की कमीशन खोरी में अफसर लाल हो रहे हैं।
जिले में सरकार की कृषि विभाग के द्वारा चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं को चारों ब्लॉक के किसानों को इन उपकरणों को पहुंचाना था। विभाग ने इन उपकरणों की सप्लाई तो करवाई, लेकिन किसानों तक नहीं पहुंचा सके। यह उपकरण जर्जर इमारत में कैद कर दिए गए।
किसानों के साथ विभाग ही बड़ा छलावा करने में लगा हुआ है। दंतेवाड़ा का अधिकांश इलाका आज भी माओवाद से प्रभावित है। यहां आदिवासी किसानों को सरकार अपनी योजनाओं में 80 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक छूट देती है, ताकि किसानों को सीधा लाभ मिले। विकास का न पहुंचा पाना नक्सलवाद को बढ़ावा देने में बल देता है।
CG News: कृषि विभाग डीडीए, सूरज पंसारी ने बताया कि मुझे जानकारी नहीं है, ये उपकरण कहां डंप है। जानकारी मिली है तो जरूर दिखवाऊंगा। इस लापरवाही कौन जिम्मेदार है निश्चत तौर पर कार्रवाई तय होगी।
Updated on:
27 Nov 2024 12:06 pm
Published on:
27 Nov 2024 11:37 am
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