
CG News: ब्लॉक के कुचनूर कोरंडम खदान के लिए बाहर से आए ठेकेदार ने छोटे-बड़े सैंकड़ों कीमती सागौन पेड़ों की बलि चढ़ा दी। इधर वन विभाग को इसकी भनक तक नहीं है। तीन दशक से बंद पड़ी कोरंडम खदान के आसपास कुछ दिनों से हलचल शुरू हुई है। गाड़ियों का आना-जाना लगा हुआ है। कुछ बाहरी ठेकेदार यहां आकर काम को अंजाम दे रहे हैं।
खदान शुरू करने के लिए आसपास सैंकड़ों पेड़ों को काटा गया है। ताज्जुब की बात यह है कि इसकी जानकारी स्थानीय फॉरेस्ट अमले के पास नहीं है। जिले के माइनिंग अफसरों को भी इसकी जानकारी नहीं है। काम कौन करवा रहा है इसकी जानकारी भी नहीं दी जा रही है। जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ मिनरल डेवपलमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के देखरेख में काम किया जा रहा है। इसका जिले में कोई कार्यालय नहीं है। यह पूरी खदान रिया 3.70 हेक्टेयर का है।
नेशनल हाइवे से करीब 3 किमी दूर कुचनूर कोरंडम खदान के पास सैकड़ों पेड़ों को काटकर ठिकाने लगाया जा रहा है। वहां जाने का रास्ता फॉरेस्ट के नाके के बाजू से गुजरता है। बाहर से आए ठेकेदार कीमती पेड़ों की कटाई कर रहे हैं और स्थानीय फॉरेस्ट का अमला सो रहा है। बताया जा रहा है कि दो साल पहले 300 पेड़ों की कटाई के लिए फॉरेस्ट से अनुमति ली गई थी और 300 से अधिक पेड़ों को काटा गया। दो साल बाद फिर दोबारा सैंकड़ों पेड़ों को काटे गए हैं।
CG News: कुचनूर खदान के पास कोई साइन बोर्ड नहीं लगा है और ना ही जिले के अफसरों को इसकी कोई जानकारी नहीं है। सीएमडीसी के अंतर्गत यह काम किया जा रहा है। विभाग ने रायपुर के किसी ठेकेदार को माल निकालने का काम दिया है। इसी की आड़ में ठेकेदार ने सैंकड़ों पेड़ों को काटा है।
रामायण मिश्रा, रेंजर, आईटीआर: विघ्वन योजना के तहत उत्पादन विभाग को खदान हैंडओवर कर दी गई है। 3.70 हेक्टेयर खदान में पेड़ काटने की जानकारी नहीं है। मैं कल स्थल का मुआयना करके जानकारी दे पाऊंगा।
Published on:
06 May 2025 08:58 am
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