
CG News: माओवादियों के ऑपेरशन क्लीन ने भाजपा नेताओं को दहशतजदा कर दिया है। थुलथुली मुठभेड़ के बाद माओवादी संगठन पूरी तरह कमजोर हुआ है। अब नक्सल संगठन रणनीति बदलने में लगा हुआ है। वे अब पूलिस के मजबूत सूचना तंत्र का आंकलन कर रहे हैं। यही वजह शक के आधार पर सरपंच और ग्रामीणों की हत्या करने में लग गए हैं।
बीजापुर में एक सप्ताह के अंदर तीन सरपंच और एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को मौत के घाट उतार दिया। बौखलाए नक्सलियों की करतूत को देख पुलिस ने अलर्ट जारी किया है। दंतेवाड़ा जिले में जितने भी मान्यनीय है, जिनको सुरक्षा प्रदान की गई है, उनको एसपी कार्यालय से पत्र जारी किया गया है। इस पत्र में साफ लिखा है मुख्यालय को न छोड़े। यदि मुख्यालय को छोड़ रहे हैं तो 24 घंटे पहले पुलिस को सूचित करना होगा।
इधर भाजपा नेताओं को इस तरह के पत्र जारी होने के बाद वे परेशान है। (Chhattisgarh News) उनका कहना है कि माओवादी सिर्फ भाजपा नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं को ही टारेगेट कर रहे हैं। बीजापुर में जितेने भी अभी हाल ही में सरपंचों को मारा गया है, वे सभी भाजपा समर्थित थे। इधर पुलिस अधिकारी कह रहे हैं माओवादी कमजोर हुए है, लेकिन अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए इस तरह के कृत्यों को अंजाम दे रहे हैं।
माओवादियों का तो दंतेवाड़ा मे कोई सुरक्षित जोन बचा नहीं है। पुलिस अधिकारी खुद इस बात को बोलते है कि दंतेवाड़ा में अब माओवादियों के लिए कोई जगह बची नहीं है। बावजूद इसके नेताओं में इतनी दहशत क्यों है? बड़ा सवाल ये है क्या गृहमंत्री अमित शाह के दौरे को देखते हुए पुलिस एतिहातन इस कदम को उठा रही है। जिससे नेता सतर्क रहे हैं या वाकई में अभी भी माओवादी खतरा पैदा कर सकते है।
फिलहाल पत्र जारी होने के बाद नेताओं की सांसें फूल रही है। वे कह रहे है ऐसे में अंदरूनी इलाकों में चुनाव प्रचार करना बड़ा मुश्किल हो जाएगा। इधर दंतेवाड़ा , नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर व जगदलपुर भी कमोबेश नक्सल प्रभावित हैं। इन क्षेत्र में भी चुनाव होने हैं। इसलिए ऐसी सतर्कता बरतने की जरुरत है।
नेताओं का कहना है कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव सामने खड़ा है। यदि सुरक्षा मुहैया समय पर नही हो सकी तो वे प्रचार भी नही कर पाएगें। (Chhattisgarh News) इस तरह से तो चुनाव में उनको खासा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। महज 15 से 20 दिन के अंदर आदर्श आचार साहिंता लगने की पूरी उम्मीद नेता जता रहे हैं।
कई जिला पंचायत सदस्य है भाजपा और कांग्रेस से जो अंदरूनी इलाकों से चुनाव लड़ते हैं। उनके लिए तो बड़ी मुश्किल चुनौती का वक्त है। भाजपा नेता दबी जुबां से बोल रहे हैं, यदि खतरा सबसे ज्यादा किसी को है तो उन्हीं को है और उनके कार्यकर्ताओं को है।
CG News: दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय: जितने भी प्रोटेक्टी उनको रेगुलर लेटर जारी हुआ है। सामान्यता 48 घंटे पहले दौरे की जानकारी देनी होती है। यदि 48 घंटे पहले जानकारी नहीं दे पा रहे हैं तो 24 घंटे पहले जानकारी उपलब्ध करवानी होती है। यह सिर्फ इसलिए है जिससे आरओपी लग सके और नेताओं की सुरक्षा बेहतर हो सके।
Published on:
13 Dec 2024 02:28 pm
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