
CG News: इंद्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र के 76 गांवों के हजारों आदिवासियों ने बुधवार को ब्लाक मुयालय पर एक जोरदार प्रदर्शन किया और अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। आदिवासियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे 'जान देंगे पर जमीन नहीं छोड़ेंगे' और विकास के नाम पर विस्थापन को हरगिज स्वीकार नहीं करेंगे।
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, वन मंत्री, बस्तर सांसद और क्षेत्रीय विधायक के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने इंद्रावती टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों को विस्थापित करने की प्रक्रिया को रोकने की मांग की है।
उनका कहना है कि वे पुरखों से मिली जमीन पर जल, जंगल, और जमीन परंपराओं की रक्षा करते हुए पॅन टोटेम व्यवस्था के अंतर्गत खेती खनिहानों, मोहआ, टोरा, तेन्दूपत्ता, संग्रहण कर जीवन यापन कर रहे हैं, और इसे छोड़ना उनके लिए अस्वीकार्य है।
इस प्रदर्शन में सेंड्रा सरपंच वासम शशिकला, गोटा एल्लुबाई,वाचम सरिता, सुकना कावरे,जनपद सदस्य,कुमा समिबाई,पूर्व सरपंच मिच्चा समैया, जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी, मिच्चा मुतैया, अशोक मड़े, आदिवासी नेता जग्गू तेलम, अशोक तलाण्डी, अफ़ज़ल खान, कान्तैया, कामेश्वर राव गौतम, व बड़ी संया मे ग्रामीण उपस्थित रहे।
इंद्रावती टाइगर रिजर्व कोर क्षेत्र के 76 गांवों का विस्थापन या पुनर्वास न किया जाए।
पांचवीं और छठवीं अनुसूची के पेशा कानून को पूरी तरह से लागू किया जाए और कॉर्पोरेट कंपनियों को जमीन देने की प्रक्रिया बंद की जाए।
आदिवासियों की जमीन यथावत रहे, जान देंगे लेकिन जमीन नहीं छोड़ेंगे। विकास के नाम पर आदिवासियों का विस्थापन रोका जाए। जल, जंगल, और जमीन पर निर्भर आदिवासियों की परंपराओं को ध्यान में रखते हुए बचेली से गढ़चिरौली रेल मार्ग प्रस्ताव को रद्द किया जाए।
विस्थापन का विरोध मे 1995-96 में भी सेड्रा इलाके के हजारों ग्रामीणों ने ब्लाक मुयलय में आकर 1 महीने तक विरोध प्रदर्शन किए थे। तब जाकर विस्थापन की प्रक्रिया थम गई थी, फिर दोबारा पुनर्वास कि खबर के बाद ग्रामीण सचेत हो गए है।
CG News: प्रदर्शन में शामिल हुए गाँवों में एडपल्ली, केरपे, सेंड्रा, बड़ेकाकलेट, जयगुर, सकनापली, केतुलनार, मन्डेम, पैकरम, करकेली, बेदरे, रानीबोदली, फरसेगड़ा, मोरमेड़ जैसे पंचायतें शामिल हैं। ग्रामीणों ने 90 किलोमीटर पैदल चलकर तहसील कार्यालय तक पहुंचकर अपनी आवाज उठाई।
Updated on:
04 Sept 2024 06:00 pm
Published on:
04 Sept 2024 03:36 pm
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