
चंद्रमा की किरणें पड़ती हैं तो खीर औषधीय गुणों वाला हो जाता है
दंतेवाड़ा। Chhattisgarh News: शरद पूर्णिमा शनिवार, प्रात: 04:17 बजे से शुरु होगी। शरद पूर्णिमा तिथि का समापन रविवार, 1:53 होगा। इस साल का अंतिम चंद्र ग्रहण शनिवार की देर रात 01:06 बजे लगेगा। इसका मध्य रात्रि 2:22 बजे होगा। इसका सूतक काल दोपहर 2:52 बजे से लेकर मध्य रात्रि 2:22 बजे तक रहेगा। शरद पूर्णिमा पर यदि आप इस दिन खीर बनाकर रखते हैं तो वह दूषित हो जाएगा. सूतक काल के पूर्व आप खीर बना लेते हैं तो भी वह ग्रहण से दूषित होगा। उसे आप ग्रहण के बाद चंद्रमा की रोशनी में रखकर नहीं खा सकते हैं. दूषित खीर आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
यह है धार्मिक महत्व
आचार्य भागवत दास द्विवेदी ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण होकर आलोकित होता है। इस वजह से उसकी किरणों में अमृत के समान औषधीय गुण होते हैं।जब हम शरद पूर्णिमा की रात खीर को खुले आसमान के नीचे रखते हैं तो उसमें चंद्रमा की किरणें पड़ती हैं, जिससे वह खीर औषधीय गुणों वाला हो जाता है।खीर की सामग्री दूध, चावल और चीनी तीनों ही चंद्रमा से जुड़ी वस्तुएं हैं, इसके सेवन से स्वास्थ्य लाभ तो होता ही है, कुंडली का चंद्र दोष निवारण भी होता है।
Published on:
27 Oct 2023 03:51 pm
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