
NMDC News: एनएमडीसी की बचेली परियोजना में प्रबंधन के मनमाने फैसलों और संवादहीनता के खिलाफ कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा। विगत 16 मई को शुरू हुआ कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन डेढ़ दिन तक जारी रहा, जिसमें कर्मचारियों ने ड्यूटी स्थल पर ही बैठकर अपनी मांगें रखीं। हालांकि, अधिशासी निदेशक बी. वेंकटेश्वरलू ने कर्मचारियों से बातचीत के लिए माइनिंग क्षेत्र में पहुंचना जरूरी नहीं समझा, जिससे कर्मचारियों में और आक्रोश बढ़ा।
कर्मचारियों का विरोध हाल ही में लागू की गई एफआरएस प्रणाली और ड्यूटी बसों की टाइमिंग में मनमाने बदलाव के खिलाफ था। निक्षेप क्रमांक-05 खदान क्षेत्र में कर्मचारियों ने ड्यूटी पर ही बैठकर विरोध जताया। चार दिन पहले परियोजना प्रमुख द्वारा जारी एक आदेश, जिसमें माइनिंग बसों को अनावश्यक रूप से देर तक रोके रखने का निर्देश दिया गया था, को कर्मचारियों ने शोषणकारी करार दिया। इसके विरोध में कर्मचारियों ने ओवरटाइम करने और ड्यूटी स्थल से घर लौटने से इंकार कर दिया।
हाल ही में वेतन समझौते की मांग को लेकर हुई हड़ताल के बेनतीजा समाप्त होने के बाद एनएमडीसी प्रबंधन के तेवर और सख्त हो गए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि जिनके बूते कंपनी उत्पादन के नए कीर्तिमान स्थापित करती रही है, अब उसी कार्यबल की आवाज को अनसुना किया जा रहा है। प्रबंधन की संवादहीनता और मनमाने फैसलों ने कर्मचारियों में असंतोष को और गहरा कर दिया है। एनएमडीसी प्रबंधन की चुप्पी और असंवेदनशील रवैये ने परियोजना के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अंतत: यूनियन नेताओं की समझाइश के बाद कर्मचारियों को ड्यूटी स्थल से नीचे लाया गया और कार्यालय में बातचीत के बाद स्थिति सामान्य हुई। हालांकि, कर्मचारियों में प्रबंधन की उदासीनता को लेकर नाराजगी बरकरार है।
NMDC News: 16 मई की रात 11 बजे से 17 मई की शाम 7 बजे तक, लगभग 20 घंटों तक कर्मचारी ड्यूटी स्थल पर भूखे-प्यासे डटे रहे। पहली, दूसरी और रात्रि पाली के कर्मचारियों ने भी इस विरोध में समर्थन दिया। उनकी मांग थी कि परियोजना प्रमुख स्वयं आकर उनसे बातचीत करें। सूत्रों के अनुसार, कई कर्मचारियों की तबीयत बिगड़ने लगी, लेकिन प्रबंधन की ओर से कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई गई।
Updated on:
22 May 2025 01:44 pm
Published on:
22 May 2025 01:43 pm
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