
stubble Burning: मध्य प्रदेश के दतिया में गेहूं की कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेषों को जलाने की किसानो की आदत अब उन्हें भारी पड़ सकती है। प्रशासन ने खेतों में नरवाई जलाने वालों पर सख्त रुख अपनाते हुए भारी जुर्माने का प्रावधान लागू कर दिया है। कलेक्टर संदीप माकिन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी किसान खेत में आग लगाएगा, उसे 5000 से 15000 रुपये तक का जुर्माना भरना होगा।
नरवाई जलाने से खेतों की उर्वरक क्षमता कम होती है और पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचता है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस आग से खेतों में मौजूद लाभकारी सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं, जिससे भविष्य में फसल की गुणवत्ता प्रभावित होती है। साथ ही, इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है और जल संकट भी उत्पन्न होने की आशंका रहती है।
किसानों को उनकी भूमि के आकार के आधार पर दंडित किया जाएगा :
पिछले साल आधा दर्जन किसानों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि, प्रशासन इन किसानों से जुर्माना वसूलने में असफल रहा। बीते साल नरवाई जलाने के कई मामले सामने आए—
इस बार प्रशासन नरवाई जलाने वालों पर कड़ी निगरानी रख रहा है। कलेक्टर ने साफ कर दिया है कि इस नियम का उल्लंघन करने वालों से हर हाल में जुर्माना वसूला जाएगा। किसानों को चाहिए कि वे पराली जलाने के बजाय उसे खेतों में मिलाकर जैविक खाद बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएं, ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे और खेतों की उर्वरता भी बनी रहे।
Updated on:
03 Apr 2025 08:40 am
Published on:
03 Apr 2025 08:39 am
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