लोकसभा चुनाव में दौसा जिले की पांचों विधानसभाओं से भाजपा को कुल 3 लाख 25 हजार 670 वोट मिले। वहीं कांग्रेस को 3 लाख 16 हजार 736 मत प्राप्त हुए। इस तरह भाजपा ने जिले से 8 हजार 934 मतों की बढ़त ली। वहीं दिसम्बर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कुल 3 लाख 57 हजार 171 तथा भाजपा को 2 लाख 83 हजार 475 मत मिले थे। इस तरह कांग्रेस ने 73 हजार 696 वोटअधिक पाए। लोकसभा चुनाव की मतगणना में ये 73 हजार 696 वोटतो कम हुए ही, साथ ही भाजपा की इस बार की बढ़त 8 हजार 934 मतों को जोड़कर देखा जाए तो कांग्रेस से 82 हजार 630 वोटर खिसक गए।
कांग्रेस को सर्वाधिक नुकसान दौसा में
औसतन देखा जाए तो सबसे अधिक नुकसान दौसा विधानसभा क्षेत्र से ही हुआ है। दौसा में विधानसभा चुनाव में कांगे्रस 50 हजार 948 मतों से जीती थी, जबकि लोकसभा चुनाव में मात्र 1891 वोट से ही जीत पाई है। इस तरह 49 हजार 57 वोट का नुकसान तो अकेले दौसा विधानसभा क्षेत्र में ही हो गया। खास बात यह है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी दौसा विधायक मुरारीलाल मीना की पत्नी सविता मीना ही थी। इसके बावजूद दौसा से बड़ी लीड नहीं ले पाना चर्चा का विषय बन गया है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां से 99 हजार 4 तथा भाजपा को 48 हजार 56 वोटमिले। वहीं लोकसभा चुनाव में भाजपा को 69022 तथा कांग्रेस को 70 हजार 913 मत मिले हैं।
बांदीकुईमें भाजपा को बड़ा फायदा
विधानसभा चुनाव से तुलना की जाए तो भाजपा को सबसे बड़ा फायदा बांदीकुई में हुआ है। यहां 2018 में भाजपा को 51 हजार 669 वोट मिले थे, जबकि लोकसभा चुनाव में 79657 वोट मिले हैं। इस तरह 27 हजार 988 मत अधिक पार्टी ने पाए। वहीं कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में 56 हजार 433 वोट मिले थे तथा अब 49141 वोटमिले। 7292 वोट गत चुनाव से कांग्रेस को कम मिले।
विधानसभा चुनाव से तुलना की जाए तो भाजपा को सबसे बड़ा फायदा बांदीकुई में हुआ है। यहां 2018 में भाजपा को 51 हजार 669 वोट मिले थे, जबकि लोकसभा चुनाव में 79657 वोट मिले हैं। इस तरह 27 हजार 988 मत अधिक पार्टी ने पाए। वहीं कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में 56 हजार 433 वोट मिले थे तथा अब 49141 वोटमिले। 7292 वोट गत चुनाव से कांग्रेस को कम मिले।
सिकराय में भाजपा और पीछे
सिकराय विधानसभा क्षेत्र में परिणाम रोचक है। यहां भाजपा गत पांच की तुलना में और पीछे हो गई। विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा को 62671 वोट मिले थे, जबकि अब 59449 वोट मिले। 3 हजार 222 वोटऔर कम हो गए। इधर, कांग्रेस के वोट में भी कमी आईहै। विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस को 96454 तो अब 74306 वोट मिले हैं। 22 हजार 148 वोटकांग्रेस को कम मिले। हालांकि ओवरऑल कांग्रेस ने सिकराय से इस बार 14 हजार 857 मतों की लीड पाई। यह राज्यमंत्री ममता भूपेश का विधानसभा क्षेत्र है।
सिकराय विधानसभा क्षेत्र में परिणाम रोचक है। यहां भाजपा गत पांच की तुलना में और पीछे हो गई। विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा को 62671 वोट मिले थे, जबकि अब 59449 वोट मिले। 3 हजार 222 वोटऔर कम हो गए। इधर, कांग्रेस के वोट में भी कमी आईहै। विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस को 96454 तो अब 74306 वोट मिले हैं। 22 हजार 148 वोटकांग्रेस को कम मिले। हालांकि ओवरऑल कांग्रेस ने सिकराय से इस बार 14 हजार 857 मतों की लीड पाई। यह राज्यमंत्री ममता भूपेश का विधानसभा क्षेत्र है।
लालसोटमें भी बदलाव
विधानसभा चुनाव में 9 हजार 74 मतों से जीतने वाली कांग्रेस ने लालसोट में इस बार 13 हजार 203 मतों से हार का सामना किया। गत चुनाव में लालसोटसे कांग्रेस को 88828 वोट मिले थे तो इस बार 58 हजार 574 ही वोट मिले। वहीं भाजपा को पहले 79754 वोट मिले थे तो इस बार 71777 वोट मिले। दोनों के वोट गत बार की तुलना में कम है, लेकिन ओवरऑल इस बार भाजपा बढ़त ले गई। हालांकि भाजपा प्रत्याशी लालसोट की बेटी होने के कारण पहले से ही यहां से मजबूत माना जा रहा था। गौरतलब हैकि लालसोट उद्योग मंत्री परसादीलाल मीना का गृह क्षेत्र है।
विधानसभा चुनाव में 9 हजार 74 मतों से जीतने वाली कांग्रेस ने लालसोट में इस बार 13 हजार 203 मतों से हार का सामना किया। गत चुनाव में लालसोटसे कांग्रेस को 88828 वोट मिले थे तो इस बार 58 हजार 574 ही वोट मिले। वहीं भाजपा को पहले 79754 वोट मिले थे तो इस बार 71777 वोट मिले। दोनों के वोट गत बार की तुलना में कम है, लेकिन ओवरऑल इस बार भाजपा बढ़त ले गई। हालांकि भाजपा प्रत्याशी लालसोट की बेटी होने के कारण पहले से ही यहां से मजबूत माना जा रहा था। गौरतलब हैकि लालसोट उद्योग मंत्री परसादीलाल मीना का गृह क्षेत्र है।
महुवा में कांग्रेस का बेहतर प्रदर्शन
2018 के चुनाव की तुलना में महुवा में इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा। तब मात्र 16 हजार 452 वोटपाने वाली कांग्रेस ने अब यहां 63 हजार 802 वोट हासिल किए। हालांकि दोनों चुनाव में फैक्टर अलग-अलग रहे हैं। भाजपा को 2018 में यहां 41 हजार 325 वोट मिले थे तो अबकी बार 45765 वोट मिले। महुवा से इस बार कांग्रेस ने 18 हजार 37 वोट की लीड पाई है।
2018 के चुनाव की तुलना में महुवा में इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा। तब मात्र 16 हजार 452 वोटपाने वाली कांग्रेस ने अब यहां 63 हजार 802 वोट हासिल किए। हालांकि दोनों चुनाव में फैक्टर अलग-अलग रहे हैं। भाजपा को 2018 में यहां 41 हजार 325 वोट मिले थे तो अबकी बार 45765 वोट मिले। महुवा से इस बार कांग्रेस ने 18 हजार 37 वोट की लीड पाई है।