सूत्रों के अनुसार जिले में 253 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अल्पसंख्यक विभाग से व्यावसायिक ऋण लेकर लम्बे समय से चुकाया नहीं है। इन पर कुल करीब 1 करोड़ 23 लाख रुपए बकाया है। विभाग ने फोन व घर-घर जाकर डिफाल्टरों से सम्पर्क किया। कई जगह तो ऋण लेने वाले मौके पर ही नहीं मिले तो अधिकतर ने टरका दिया। इसके बाद विभाग ने नोटिस भेजकर ऋण जमा कराने को कहा तथा नहीं जमा कराने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। इसका भी असर नहीं हुआ और राशि अटकी हुई है।
सूत्रों ने बताया कि 253 डिफाल्टरों में से कई ऋणी तो ऐसे हैं, जिन्होंने पहली या दूसरी किस्त भी नहीं चुकाई। ऋण लेकर भूल ही गए हैं। वहीं कई लोग दो-तीन साल से राशि दबाकर बैठे हैं।
ऋण वसूली के लिए अल्पसंख्यक विभाग ने एकमुश्त समाधान योजना के तहत ऋण खाते की शेष जमा को 31 मार्च से पूर्व जमा कराने पर बकाया चल रहे दण्डनीय ब्याज की शत-प्रतिशत छूट देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही यदि ऋणी द्वारा किस्त समय सीमा के अंदर ही सम्पूर्ण चुकती राशि जमा की जाती है तो पुरुष ऋणियों को 2 प्रतिशत तथा महिला ऋणियों को शत-प्रतिशत छूट का अतिरिक्त लाभ भी देय होगा।
31 मार्च तक ऋण जमा नहीं कराने पर ऋणी को सम्पूर्ण राशि दण्डनीय ब्याज, अन्य समस्त व्यय सहित जमा कराना अनिवार्य होगा। यदि कोई ऋणी जमा नहीं कराएगा तो कानूनी कार्रवाई प्रारम्भ कर दी जाएगी।
बलवीरसिंह गुर्जर, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी दौसा