ऋषभ ठाकुरिया
बाहर से आयात किए जाने वाले पाम ऑयल व तिलहन पर सरकार को इंपोर्ट ड्यूटी को बरकार रखनी चाहिए।जिससे भारतीय खाद्य तेल उत्पादकों को बाजार में सही भाव मिल सके। इससे सरसों तेल मिल्स की इकाइयां प्रतिस्पर्धा के दौर में बाजार में टिक सके।इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
बजट में गेहूं के निर्यात के लिए प्रावधन की घोषणा की जाए,जिससे घरेलू बाजार में सभी गेहंू उत्पादकों को उचित बाजार मूल्य मिलेेगा। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में गेहूं की प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना भी की जाए।जिससे किसानों उपज को उचित दाम भी मिल सके।
नवल झालानी
बजट में व्यापारियों को सरकार की ओर से पेंशन योजना लागू करने का प्रावधान किया जाना चाहिए।व्यापारी सरकार को करोड़ों रुपए टैक्स के रुप में अदा करता है, ऐसे में सरकार का फर्ज बनता है कि सरकार भी व्यापारी के बुढ़ापे के दौरान उसके द्वारा टैक्स के रूप में दिए गए करोड़ों रुपए में से कुछ रुपए प्रतिमाह पेंशन के रूप में दे। इसके अलावा केंद्र्र सरकार को आयकर की स्लेब एक ही रखनी चाहिए, अलग अलग स्लेब नहीं होनी चाहिए। टर्न ऑवर पर ही अगर टैक्स की स्लेब हो तो सरकार को भी मुनाफा होगा और व्यापारी को भी बड़ी राहत मिलेगी।
बजट में चने व मटर पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई जाए,जिससे किसानों को सही दाम मिल सके। लोकल पैदावर को अगर उचित दाम मिलेंगे तो निश्चत है वह रकम बाजार में भी आएगी और बाजार में रकम का टर्न ऑवर बढऩे व्यापार को भी गति मिलेगी।
बजट में तिलहन व्यापार के लिए जीएसटी के सरलीकरण के प्रावधान होने चाहिए। जीएसटी के स्लेब में भिन्नताओं को समाप्त करते हुए इसमे व्यापारियों को राहत दी जानी चाहिए। भवानीशंकर
बजट में समर्थन मूल्य पर होनी वाली खरीद को व्यापारियों के माध्यम से किया जाना चाहिए, जिससे किसानों व व्यापारियों दोनो को ही लाभ होगा, किसानों को तत्काल भुगतान मिलेगा और व्यापारियों की आमदनी भी बढ़ेगी। पूरे देश की मंडियों में भावांतर योजना को लागू किया जाना चाहिए।जिससे किसानों को मंडी भाव के अनुरूप ही अपनी उपज के दाम मिल सके।
बजट में सभी खाद्य पदार्थों पर टैक्स कम किए जाए, आटे पर जीएसटी हटाते हुए ब्रांडेड व नॉन ब्रांडेड आटे की सभी स्लैब को समाप्त किया जाए। लाला सौखियां
बजट में जीएसटी की रिटर्न को तिमाही किया जाए। पूरे माह सभी व्यापारी कागजी खानापूर्ति में उलझे रहते हैं।इससे उनका व्यापार भी प्रभावित होने लगा है, अगर इसे तिमाही किया जाए तो व्यापारी वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी।