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राजस्थान में यहां कांग्रेस की खींचतान आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंची, उप सभापति ने पूर्व चेयरमैन को दिया करारा जवाब

लालसोट स्थानीय कांग्रेस में जारी अंदरुनी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है और नेताओं की आपसी खटपट अब जग जाहिर हो गई है।

दौसा

Santosh Trivedi

Jun 11, 2025

congress news
कांग्रेस (फोटो: पत्रिका)

लालसोट। स्थानीय कांग्रेस में जारी अंदरुनी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है और नेताओं की आपसी खटपट अब जग जाहिर हो गई है, पत्र लिखकर जवाब तलब करने से आगे बढकर यह खींचतान आरोप-प्रत्यारोप तक जा पहुंची है। गत दिनों पूर्व चेयरमैन रक्षा मिश्रा द्वारा लिखे गए पत्र के जवाब में नगर परिषद की सभापति संतोष स्वामी ने भी पूर्व चेयरमैन को पत्र के माध्यम जवाब देते हुए इस तरह पत्र लिखने की निंदा की है, साथ ही यह भी नसीहत दी है कि जिम्मेदार लोग ही संगठन को कमजोर नहीं करें।

इन्ही वजह से विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है। उप सभापति ने पूर्व चेयरमैन को यह जवाब 7 जून को एक पत्र लिखकर दिया है, जबकि इस पत्र को मंगलवार दोपहर सोशल मीडिया पर भी जारी कर दिया गया, जिससे यह प्रतीत होता है कि कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के बीच जारी यह खींचतान अब जग जाहिर हो गई है। एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी का दौर आगे भी थमने वाला नहीं है।

उपसभापति ने अपने पत्र में पूर्व चेयरमैन से कहा है कि बोर्ड मिटिंग में विचाराधीन दिनेश मिश्रा के पट्टे बाबत उन्होंने किसी भी प्रकार का कोई प्रस्ताव नही रखा था व साथ ही उक्त पट्टे का संगठन से कोई संबंध नही था, यह निजी पट्टा था। उपसभापति ने कहा है कि व्यक्तिगत रूप से एवं पार्टी के मंच पर इस प्रस्ताव के संबंध में किसी तरह कि कोई बातचीत नहीं कि गई है, केवल पत्र द्वारा ही यह जानकारी दी गई है, जबकि सर्वप्रथम उक्त प्रस्ताव के संबधं में व्यक्तिगत एवं पार्टी स्तर पर संवाद स्थापित करना चाहिए था, लेकिन उसके पश्चात भी उक्त पत्र डाक एवं सोशल मीडिया द्वारा भेजा है, जिसकी वे कडे शब्दों में निन्दा करती हैं। वे अविश्वास प्रस्ताव में भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही।

नहीं करनी चाहिए थी कोई टिप्पणी

पूर्व चेयरमैन रक्षा मिश्रा ने पत्रिका को बताया कि उन्हें पत्र का अभी तक कोई जवाब नही मिला है। सोशल मीडिया पर जो पत्र जवाब वायरल हुआ है उसमे में कोई संतोषप्रद बात नही है। बोर्ड मिटिंग के पहले सभी 4 पार्षदों को पत्र लिखकर बताया कि उक्त पट्टे को लेकर न्यायालय मेंं अपील दायर कर रखी है, इसके बाद मिटिंग में कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।

पति के कारण चुनावों में हार के कारणों पर रक्षा मिश्रा ने कहा कि हो सकता है, उन्हें ऐसा लगा है, लेकिन हकीकत यह है कि उनके कार्यकाल में सभी पार्षदों की डिमांड के अनुसार बजट उपलब्धता पर काम किया है, उनके कार्यकाल में सबसे अधिक पट्टे इनके (संतोष स्वामी परिवार) के बने हैं। कुछ पट्टों को लेकर परेशानी थी, उनके बारे में पूर्व मंत्री परसादीलाल मीना के प्रयासों से आदेश मिलते ही पट्टे बनाए हैं। पार्षदों व जनता का ईमानदारी से काम किया है।

यू शुरू हुआ था मामला


पूर्व चेयरमैन दिनेश मिश्र के नाम लालसोट पुलिस थाने के पास स्थित एक खाली भूखंड के पट्टे को 21 अप्रेल को आहुत साधारण सभा में बहुमत से खारिज कर दिया था। इसके बाद गत 31 मई को पूर्व चेयरमैन रक्षा मिश्रा ने अपने ही दल की पार्षद व वर्तमान में उप सभापति संतोष स्वामी को एक पत्र लिख पूछा था कि क्या उन्होंने ही बोर्ड मिटिंग में उनके पति के पट्टे को निरस्त करने का प्रस्ताव रखा है।

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