
नांंगल राजावतान। दौसा-गंगापुर रेल लाइन लंबे इंतजार के बाद करीब सात माह पहले रेलवे प्रशासन ने ट्रेन का संचालन तो शुरू कर दिया, लेकिन उपखण्ड मुख्यालय पर पर बना रेलवे स्टेशन प्रशासन की उदासीतनता के चलते बस नाम का रेलवे स्टेशन बनकर रह गया है। स्टेशन पर ना तो टिकट काटने व ना ही यात्रियों को पेयजल सहित अन्य सुविधा मिल रही है।
स्टेशन पर बने कमरों में कोई कर्मचारी नहीं होने से क्षतिग्रस्त होते जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार 27 साल के इंतजार के बाद 16 मार्च 2024 को रेलवे ने दौसा गंगापुर रेल मार्ग पर रेलगाडी चलाकर लोगों में उम्मीद तो जगा दी, लेकन रेलवे प्रशासन ने सात माह गुजर जाने के बाद भी नांगल राजावतान सहित करीब पांच स्टेशनों पर अभी तक टिकट की सुविधा नहीं दी है। ऐसे में यात्रियों को मजबूरी में बिना टिकट यात्रा करनी पड़ रहा है। इससे रेलवे प्रशासन को चपत लगने के साथ ही यात्रियों को स्टेशन पर सुविधाएं नसीब नहीं हो रही है।
दौसा-गंगापुर के बीच रेलवे प्रशासन ने 11 स्टेशन बनाए है। इसमें नांगल राजावतान, डिडवाना, बिनोरी, पिपलाई उदय कलां को फ्लैग स्टेशन बनने पर यहां टिकट खिड़की तो बना दी, लेकिन सात माह बाद भी टिकट देने वाला कर्मचारी नहीं होने के से यात्रियों को बिना टिकट यात्रा करनी पड़ रही है। जबकि बनियाना, सलेमपुरा, अरनिया, लालसोट, मंडावरी, बामनवास, खूंटला स्टेशन को बी क्लास स्टेशन पर टिकट सहित अन्य सुविधाएं है।
Updated on:
23 Oct 2024 05:19 pm
Published on:
23 Oct 2024 05:18 pm
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