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राजनीतिक हालात पर किए तीखे कटाक्ष

locationदौसाPublished: Apr 12, 2019 08:17:15 am

Submitted by:

gaurav khandelwal

हेलाख्याल संगीत दंगल का समापन

hela khyal dangal

राजनीतिक हालात पर किए तीखे कटाक्ष

लालसोट. यहां 271 वें प्रसिद्ध हेलाख्याल संगीत दंगल में बुधवार को रातभर गायकी चलती रही। जिसमें विभिन्न संगीत मण्डलों के गायककारों ने देश और प्रदेश से लेकर स्थानीय राजनीतिक हालात पर तीखे कटाक्ष करते हुए अपने व्यंग्य बाणों से श्रोताओं को अल्हादित किया। पुलवामा शहीदों को भी गायक मण्डलों ने श्रद्धांजलि दी। दंगल में मोदी, राहुल, वसुन्धरा, गहलोत, पायलट के साथ जीएसटी, भ्रष्टाचार एवं विधानसभा चुनाव आदि पर राग रागनियां पेश की गई। संगीत दंगल का समापन गुरुवार सुबह हुआ।
समापन समारोह में गणगौर हेलाख्याल संगीत दंगल के मीडियाओं एवं दंगल में सराहनीय सेवाएं देने वालों को सम्मानित किया गया। समिति के अध्यक्ष भानुप्रकाश चतुर्वेदी उर्फ सोनू बिनौरी सहित पदाधिकारियों में पालिकाध्यक्ष जगदीशप्रसाद सैनी, भागचन्द सैनी, प्रेम चौधरी, शिवश्ंाकर बल्या जोशी, बालमुकुन्द शर्मा, अशोक चौधरी, हंसराज सैनी, हरिनारायण फडकल्या, रोहित पंसारी, राजेन्द्र पांखला, राकेश जोशी, अभिनव त्रिपाठी, सूरज सैनी, मदन पारीक, सियाराम शर्मा, विरेन्द्र जैन, सोनू टोरडी, विकास गौतम, कपिल टोरडी, विशाल गौतम सहित अन्य लोगो ने सैनी समण्डल के मीडिया पांचूराम सैनी, चतुर्वेदी मण्डल सायपुर के छुट्टन लाल, महाकाली मण्डल के नन्दकुमार पांखला, देवनारायण मण्डल बड़ी पार्टी सीतोड़ के मिश्रीलाल, पारख मण्डल के प्रकाश सैनी, बजरंग मण्डल छावा के बजरंग लाल जांगिड, गणेश मण्डल के ग्यारसी लाल सैनी, शर्मा मण्डल राणीला के बाबूलाल शर्मा, शिव मण्डल के चिरंजीलाल सैनी एवं चतुर्वेदी मण्डल कीरतपुरा के मीडिया घनश्याम चतुर्वेदी का सम्मान किया गया।
गणगौर की शोभायात्रा एवं दंगल में सहयोग करने वाले कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया। दंगल समिति के अध्यक्ष सोनू बिनौरी ने हेला ख्याल संगीत दंगल शान्तिपूर्ण होने पर सभी का आभार व्यक्त किया। हेलाख्याल संगीत दंगल में प्रवासी लालसोट हाल निवासी मुम्बई रमेश ग्रामीण ने भी प्रत्येक मण्डल को एक हजार एक सौ रुपए की ईनाम व साफा बांधकर स्वागत किया। श्रोताओं ने भी संगीत मण्डलो को खूब नकद इनाम देकर नवाजा।

रात्रि को हुआ राजनीतिक गायन व कटाक्ष


बुधवार रात्रि को संगीत मण्डलों ने विभिन्न राजनीतिक हालातों पर गायन पेश किया। स्थानीय राजनीति पर भी गीत के माध्यम से बेबाक टिप्पणी की। उद्योग मंत्री परसादीलाल मीना ने भी देर रात्रि तक दंगल में उपस्थित रहकर गायकी का आनन्द लिया। शिव मण्डल के मीडिया चिरंजीलाल सैनी के नेतृत्व में कलाकारों ने भारत मां का गुणगान करते – अर सब देशन में देश हमारा भारत महान है, देख तिरंगा झण्डा प्यारा भारत मां की शान है। सभी विदेशी करते हैं इस भारत का गुणगान है, याने दिया पाक को झटका ऊपर से बम्ब को पटका, अर पांच मिनट में मिटवा दीना सारा खटका। अरे देखो पाकिस्तान करते भारी मनमानी, गाया। श्रोताओं ने तालियां बजाकर वाह-वाह किया।
इसी मण्डल ने राÓय की कांग्रेस सरकार की गायन के माध्यम से प्रशंसा भी की। सैनी मण्डल ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए गाया – अरे झूठे वादे, झूठे इरादे, झूठी तेरी कहानी है, फूट डालो, भ्रम फैलाओ कांगे्रस की नीति है, झूठे —अरे क धोको दे रहे जनतों को, ऐजी राजस्थान विधानसभा चुणाव देख जब आया है, कांग्रेस न जनता को ठगने का पाप कमाया है, अर कर्जमाफी का वादा करके दुनिया को बहकाया है, अर सारा कर्ज माफ कर देंगे किसानो के लिए, बेरोजगारी भत्ता देंगे, अभ्यर्थीन के लिए खुल रही पोल, बज र्यो ढोल, जादूगर रंग जमाव पायलट फुल्यो नहीं समाव, अर रामेश्वर डूडी को देखो रात्यू नींद नहीं आव, – अर झूठे बोले कौआ कांटे, राहुल गांधी से डरना, ये देश बेचकर खा जायगा तुम देखते रहना, यान जातिवाद फैलाया, जनता को समझ नहीं आया। अर मुख्यमंत्री की कुर्सी प पांच नाम बतलाया, गाया। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत पर इसी मण्डल ने गाया। – ऐजी मंत्री जी का चम’या देखो फूल र कुप्पा हो रीया, हमने जीत दिलाई, छाती पीट पीटकर कह रीया, अर परसादी न्यो बोल्यो क्यो तुम ठाला मूण्ड पचा रीया, अर वीरेन्द्र न लाज बचाई बान छान से कहीय या प्रेम लामड़ा न देखो वाकू चोडअ कर दईय, भाई न भाई कू चायो न्यो हे झालानी भायो, अर सारो जस वीरेन्द्र लेगो हाथ कछु नहीं आयो। भाई रे वीरेन्द्र तोकू शाबासी मंत्री दे रयो। अर वीरेन्द्र नहीं होतो तो मैं रहतो ठंठल पाल, वा भाई तुने काम किया नहीं चोखा, दिया रामविलास कू धोखा, अर कोई जाण नेतागिरी थारा देख कर्म है खोटा, तोकू दण्ड मिलगो थारा कर्मन को। गाया जिसे ने खूब तालियां बजाकर सूना। पारख मण्डल ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर शानदार गीत की प्रस्तुति दी। इसी तरह गणेश मण्डल सहित अन्य मण्डलों ने भी राजनीति गायन पेश किए। दंगल सुनने रात्रि को भी सैकड़ों श्रोता मौजूद थे।(नि.सं.)

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