राÓय सरकार की महत्वाकांक्षी शहरी गौरव पथ योजना के तहत गुप्तेश्वर रोड पर गौरव पथ निर्माण की तय मियाद निकलने के बाद भी कार्य गति नहीं पकड़ रहा है। लोगों का आरोप है कि पहले प्रशासन ने प्रभावशाली लोगों के अतिक्रमण को ध्वस्त नहीं किया, अब नाला निर्माण में भी भेदभाव कर रहा है। कई जगह मनमर्जी से नाले की चौड़ाई को कम कर दिया गया है।
मुख्य सड़क से एक समान दूरी पर भी नाला नहीं बनाया जा रहा है। यही नहीं मार्ग में कई स्थानों पर नाला निर्माण ही अधूरा छोड़ दिया है। मामूली बारिश में नाले की दीवार ढहने से निर्माण में गड़बड़ी होने की आशंका भी है। इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता डीआर मीना से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने जवाब देने से मना कर दिया।
ध्वस्त किए थे अतिक्रमण
गुप्तेश्वर रोड पर गौरव पथ निर्माण के लिए डिवाइडर बनाकर दोनों तरफ चालीस-चालीस फीट सड़क निर्माण निर्माण प्रस्तावित था। इसमें भी प्रशासन ने मिलीभगत कर सड़क से तीस फीट की दूरी पर आ रहे प्रभावशाली लोगों के अतिक्रमण को नहीं हटाया, जबकि सड़क से पैंतीस से सैंतीस फीट की दूरी पर आ रहे लोगों के पक्के निर्माण पर जेसीबी चलाकर ध्वस्त करा दिए। आज भी ये भवन खण्डहर हालत में हैं। यही नहीं गौरव पथ निर्माण के लिए प्राचीन गुप्तेश्वर दरवाजे को भी ध्वस्त कर दिया था। जिसका भी अभी तक कोई नहीं निर्माण नहीं हुआ है।
गुप्तेश्वर रोड पर गौरव पथ निर्माण के लिए डिवाइडर बनाकर दोनों तरफ चालीस-चालीस फीट सड़क निर्माण निर्माण प्रस्तावित था। इसमें भी प्रशासन ने मिलीभगत कर सड़क से तीस फीट की दूरी पर आ रहे प्रभावशाली लोगों के अतिक्रमण को नहीं हटाया, जबकि सड़क से पैंतीस से सैंतीस फीट की दूरी पर आ रहे लोगों के पक्के निर्माण पर जेसीबी चलाकर ध्वस्त करा दिए। आज भी ये भवन खण्डहर हालत में हैं। यही नहीं गौरव पथ निर्माण के लिए प्राचीन गुप्तेश्वर दरवाजे को भी ध्वस्त कर दिया था। जिसका भी अभी तक कोई नहीं निर्माण नहीं हुआ है।
आखिर कैसे होगी पानी निकासी
एक ओर तो बरसात के दिनों मेंं शहर में पानी भराव की समस्या व्याप्त है, वहीं दूसरी ओर लाखों रुपए खर्च कर गुप्तेश्वर रोड पर बनाया जा रहा नाला निर्माण में मनमर्जी बरती जा रही है। इससे लोगों को पानी निकासी की समस्या का सामना करना पड़ेगा।