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मोदी लहर व कार्यकर्ताओं की मेहनत से निकली विजय

locationदौसाPublished: May 24, 2019 08:02:10 am

Submitted by:

gaurav khandelwal

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jaskor meena

मोदी लहर व कार्यकर्ताओं की मेहनत से निकली विजय

दौसा. यूं तो देशभर में मोदी लहर चली, लेकिन दौसा सीट पर लहर के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत भी जीत का प्रमुख कारण है। भाजपा में टिकट के लिए लड़ाई के कारण नाम घोषित करने देरी होने व सवाईमाधोपुर से सांसद रह चुकी जसकौर मीना को दौसा से टिकट देने पर पार्टी बैकफुट पर लग रही थी। एक बार तो कार्यकर्ताओं सहित आमजन में यह चर्चा चल उठी थी कि कांग्रेस यहां बढ़त में है। कांग्रेस के आला नेता भी दौसा को सुरक्षित सीट मान बैठे थे।
इन सबके बावजूद भाजपा काडर व प्रत्याशी की जन-जन से संवाद-सम्पर्क की नीति कारगर रही। एक-एक वोटर तक पहुंचकर मेहनत की गई। जातिगत विपरीत परिस्थितियों को भी अपने पक्ष में कर लिया तथा मतदान के दिन तक भाजपा खुद को बराबरी के मुकाबले में ले आई। मतदान के दिन कार्यकर्ता एक-एक वोटर को घर से निकालकर लाए। प्रत्येक बूथ पर भाजपाई की मेहनत को देखकर लग रहा था कि परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। मतदान के बाद जब बूथवार मतों के आंकड़े सामने आए तो भाजपा की जीत तय लगने लगी थी। मोदी के नेतृत्व में विश्वास भी भाजपा की जीत का प्रमुख कारण रहा है।

इधर, कांग्रेस अतिउत्साह में रही तथा आखिर तक आकर पिछड़ गई। ऐसे में अब पार्टी को मंथन करने की जरूरत है कि कहीं पार्टी की फूट व कमजोर रणनीति तो हार का कारण नहीं रही। कांग्रेस के लिए जल्दी टिकट की घोषणा करना भी दौसा में काम नहीं आया। वहीं भाजपा की जीत में आरएसएस की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। राष्ट्रवाद भी भावना को कार्यकर्ताओं ने मतदाता तक पहुंचाया।
हालांकि जहां पूरे राजस्थान में अन्य सीटों पर भाजपा ने लाखों मतों से जीत हासिल की, वहीं दौसा में कम वोटों से जीत को कुछ नेताओं की आंतरिक लड़ाई भी एक वजह मानी जा सकती है। इसके बावजूद जसकौर मीना का दौसा से जीतना क्षेत्र की राजनीति में एक अहम मोड़ हो सकता है। जसकौर मीना शिक्षित व आत्मनिर्भर हैं तथा पूर्व में केन्द्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं। ऐसे में दौसा को केन्द्र में अधिक महत्व मिलने की उम्मीद है। दौसा जिले की राजनीति में उनका प्रभाव प्रत्यक्ष रूप से देखने को मिलेगा। गत विधानसभा चुनाव में लोकसभा क्षेत्र की आठों सीट में से एक भी नहीं जीतने तथा लोकसभा चुनाव में शुरुआती विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भाजपा की शानदार जीत ने कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार किया है।
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