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लक्ष्मण झूले की जगह बनेगा नया पुल, एक रिसर्च ने बंद करवाया त्रेत्राकालीन पुल!

.Laxman Jhula Rishikesh: लक्ष्मण झूले का अपने आप में ऐतिहासिक महत्व है।.त्रेत्रा काल से था लक्ष्मण झूले ( History Of Lakshman Jhula ) का संबंध।.सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए किया गया बंद।.जल्द बनेगा नया पुल।    

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Laxman Jhula Rishikesh

Laxman Jhula Rishikesh

(देहरादून,हर्षित सिंह): उत्तराखंड प्रशासन ने लगभग 90 साल पुराने ऋषिकेश स्थित लक्ष्मण झूला ( Laxman Jhula Rishikesh ) को बंद कर दिया है। 450 फीट लंबा यह पुल देश-विदेश में आकर्षण का केंद्र रहा है। इसका रखरखाव आने वाले समय में हेरिटेज साइट के रूप में किया जा सकता है। जनता की सुरक्षा को देखते हुए इस पुल पर आमजन के आवागमन पर रोक लगा दी गई है।


जानकारी के मुताबिक ऋषिकेश में हरिद्वार महाकुंभ ( haridwar Kumbh mela 2021 ) के आयोजन को ध्यान में रखते हुए लक्ष्मण झुले की तरह नए पुल का निर्माण किया जाएगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को नए पुल के निर्माण के संबंध में निर्देश दिए हैं।

आईआईटी रूडकी ने किया अध्ययन

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ( CM Trivendra Singh Rawat ) ने कहा कि आईआईटी रुङकी ( IIT Roorkee ) के विशेषज्ञों से लक्ष्मण झूला की फिजीबिलिटी पर अध्ययन करने को कहा गया था। उनसे प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पुल की स्थिति ऐसी नहीं है कि इस पर अधिक आवाजाही खासतौर पर दुपहिया वाहनों को अनुमति दी जा सके। ऐसे में कांवङ मेले में भारी भीङ को देखते हुए लक्ष्मण झूला पर आवाजाही को जारी रखना उचित नहीं रहता। इसलिए लक्ष्मण झूला पर दो पहिया वाहनों की आवाजाही को तुरंत रोकने का निर्णय किया गया है। इस ऐतिहासिक पुल पर फिलहाल पैदल आवाजाही हो रही है।


यह है लक्ष्मण झूले का इतिहास ( History Of Lakshman Jhula )

जिस जगह पर आज लक्ष्मण झूला बना हुआ है, मान्यता है कि गंगा पार करने के लिए त्रेता युग में भगवान राम के अनुज लक्ष्मण ने जूट की रस्सियों से पुल बनाया था। यहां पर जूट की रस्सियों को आर-पार बांधकर छींके की मदद से यात्रियों को गंगा के पार उतारा जाता था। वर्ष 1889 में कोलकाता के रायबहादुर सेठ सूरजमल तुलस्यान ने यहां 50 हजार की लागत से लोहे के मजबूत रस्सों का 274 फीट लंबा झूला पुल बनवाया था। वर्ष 1924 में गंगा में आई बाढ़ में यह पुल बह गया।

इसके बाद वर्ष 1927 से 1929 के बीच ब्रिटिश काल में सार्वजनिक निर्माण विभाग ने लक्ष्मण झूला पुल का निर्माण कराया। तब सेठ सूरजमल तुलस्यान के पुत्र रायबहादुर शिव प्रसाद तुलस्यान ने इसके लिए 1.20 लाख की धनराशि दान दी थी। 450 फीट लंबा यह पुल गंगा से 60 फीट की ऊंचाई पर है। इस पुल को 11 अप्रैल 1930 को संयुक्त प्रांत के गवर्नर मेलकम हेली ने जनता को समर्पित किया था।

गौरतलब है कि गंगा नदी पर बना सस्पेंशन पुल इंजनीयरिंग का अनूठा नमूना रहा है। इससे आकर्षित हुए बिना बॉलीवुड इंडस्ट्री भी नहीं रह सकी। इसी का नतीजा है कि यहाँ पर अमिताभ बच्चन की गंगा की सौगंध से लेकर अभिषेक बच्चन की बंटी और बबली की शूटिंग यहीं हुई। इतना ही नहीं सनी देओल की अर्जुन पंडित और अन्य फिल्मों की शूटिंग के लिए यह स्पॉट चर्चा में रहा है।

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