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चारधाम यात्रा में अब तक 139 श्रद्धालुओं की मौत, सबसे ज्यादा मौतें केदारनाथ में

Char Dham Yatra 2025: उत्तराखंड की विश्वप्रसिद्ध चारधाम यात्रा को शुरू हुए 54 दिन हो चुके हैं। जहां लाखों श्रद्धालु आस्था और विश्वास के साथ कठिन पर्वतीय यात्रा में जुटे हैं, वहीं स्वास्थ्य समस्याओं, ऑक्सीजन की कमी और प्राकृतिक आपदाओं के चलते 139 लोगों की जान जा चुकी है। यह आंकड़ा सरकार और प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया है।

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चारधाम यात्रा इस वर्ष 30 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई थी। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बद्रीनाथ के कपाट भी श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। तब से लेकर अब तक चारधाम यात्रा जारी है। बरसात, भूस्खलन और कठिनाइयों के बावजूद लाखों की संख्या में लोग प्रतिदिन यात्रा पर निकल रहे हैं।

मौतों का आंकड़ा और कारण

उत्तराखंड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (State Emergency Operation Centre) के आंकड़ों के अनुसार 30 अप्रैल से 22 जून तक चारधाम और हेमकुंड यात्रा के दौरान कुल 139 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई। इनमें से अधिकांश की मौत का कारण स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं थीं। इसके अलावा ऑक्सीजन की कमी, ऊंचाई पर स्थित धामों में सांस लेने में दिक्कत और कुछ मामलों में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं भी कारण बनीं।

केदारनाथ में सबसे अधिक 65 मौतें दर्ज की गईं। बद्रीनाथ में 33 श्रद्धालुओं की जान गई, जिनमें से 32 की मौत स्वास्थ्य खराब होने के कारण हुई। गंगोत्री में 21, यमुनोत्री में 19 और हेमकुंड साहिब में 1 व्यक्ति की मौत हुई।

हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं बनीं चिंता का कारण

इस बार यात्रा के दौरान कई हेलीकॉप्टर हादसे भी हुए, जिनमें कई लोगों की जान गई। 8 मई को गंगोत्री मार्ग पर हेलीकॉप्टर क्रैश में 6 लोगों की मौत हो गई। इसमें 5 यात्री और 1 पायलट शामिल थे। 15 जून को केदारनाथ से गुप्तकाशी जा रहे एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से 7 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जिनमें एक दो साल का बच्चा भी शामिल था। इसके अलावा 17 मई और 7 जून को भी हेलीकॉप्टरों में तकनीकी खराबियों के चलते आपात लैंडिंग की घटनाएं सामने आईं, हालांकि इनमें कोई जनहानि नहीं हुई।

स्वास्थ्य समस्याएं बनीं सबसे बड़ी चुनौती

यात्रा के दौरान हुई कुल 139 मौतों में से 122 श्रद्धालुओं की मौत सीधे तौर पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से हुई। जानकार बताते हैं कि हाई एल्टीट्यूड, कम ऑक्सीजन, लंबी पैदल यात्रा और मौसम का तेजी से बदलना भी इन समस्याओं के कारण रहे हैं। सरकार ने यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच पर जोर दिया था और कई स्थानों पर हेल्थ चेकअप सेंटर भी बनाए गए थे, लेकिन बढ़ते आंकड़े दिखाते हैं कि इन उपायों में और मजबूती की जरूरत है।

अब तक पहुंचे श्रद्धालुओं का आंकड़ा

चारधाम और हेमकुंड साहिब में 30 अप्रैल से 22 जून तक 34 लाख 13 हजार 474 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इसके अलावा 24 जून तक के लिए 45 लाख 52 हजार 107 श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया है।

धामवार दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या इस प्रकार है...

केदारनाथ: 12,01,233
बद्रीनाथ: 9,64,598
यमुनोत्री: 5,31,971
गंगोत्री: 5,40,886
हेमकुंड: 1,57,069

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केदारनाथ बना यात्रियों की पहली पसंद

चारधामों में सबसे अधिक भीड़ केदारनाथ में देखी गई है। चाहे वह दर्शन की संख्या हो या रजिस्ट्रेशन, केदारनाथ अन्य धामों से आगे है। आस्था और शिवभक्ति का यह केंद्र श्रद्धालुओं की पहली पसंद बना हुआ है।