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यहां जनता ने हाथ को 7 तो, कमल को 4 बार सौंपी सत्ता की चाबी

Madhya Pradesh Election 2023: 1957 से 3 बार जीती बीजेएस के गढ़ में 1972 में कांग्रेस ने लगाई सेंध, 2010 में हुए उपचुनाव में भाजपा ने कांग्रेस का किला फतह किया 1998 से 3 बार कांग्रेस से सज्जन वर्मा ने विजय तिलक लगाया  

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Madhya Pradesh Election 2023: कांग्रेस की परंपरागत सीट कही जाने वाली सोनकच्छ सीट शुरुआत से अब तक सात बार कांग्रेेस के कब्जे में रही। कांग्रेस के सज्जनसिंह वर्मा यहां से पांच बार विधायक बन चुके हैं। 1998 से वर्मा का गढ़ बनी कांग्रेस की सीट वर्मा के सांसद बनने के बाद 2010 में हुए उपचुनाव में भाजपा के कब्जे में आई। इसके बाद 2013 के चुनाव में भी भाजपा यहां से जीती लेकिन इस बार वर्मा प्रत्याशी नहीं थे। 2018 में वर्मा खुद लड़े और फिर यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई।

शुरुआत में बीजेएस ने जीती थी सीट

1957 के चुनाव से बात की जाए तो शुरुआत में यहां बीजेएस का कब्जा रहा। 1957 में बीजेएस के भागीरथ सिंह ने चुनाव जीता था। इसके बाद 1962 में दोबारा भागीरथ सिंह जीते, 1967 में बीजेएस के खाेबचंद ने जीत दर्ज की। इसके बाद 1972 में पहली बार सोनकच्छ सीट कांग्रेस के कब्जे में आई और यहां से बापूलाल किशनलाल ने जीत दर्ज की। इसके बाद 1977 में फिर यह सीट कांग्रेस की झोली से फिसल गई और यहां से जेएनपी के देवीलाल रायकवाल ने जीत दर्ज की।

1985 में जीते वर्मा, 1990 में कटा टिकट

1980 में बापूलाल मालवीय के विधायक बनने के बाद 1985 में कांग्रेस ने यहां इंदौर के सज्जनसिंह वर्मा को पहली बार मैदान में उतारा और इस चुनाव में वर्मा ने जीत दर्ज की। 1990 में उनका टिकट काटकर फिर से बापूलाल मालवीय को टिकट दिया गया। हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस हार गई और भाजपा के कैलाश दायमा विधायक बने। 1993 में फिर कांग्रेस ने वर्मा को मौका दिया लेकिन वर्मा यहां से चुनाव हार गए और भाजपा के सुरेंद्र वर्मा विजयी हुए। इसके बाद 1998 में फिर वर्मा मैदान में उतरे और चुनाव जीते। 2003 व 2008 में भी वर्मा यहां से विधायक बने।

सांसद बनने पर हुए उपचुनाव, जीती भाजपा

2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने वर्मा को देवास-शाजापुर लोकसभा से प्रत्याशी बनाया। इसमें वर्मा जीते तो उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सोनकच्छ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए जिसमें कांग्रेस ने वर्मा के भाई अर्जुन वर्मा को प्रत्याशी बनाया। वहीं भाजपा ने पूर्व सांसद फूलचंद वर्मा के पुत्र राजेंद्र वर्मा को मैदान में उतारा। भाजपा के राजेंद्र वर्मा विजयी रहे। 2013 में हुए विधानसभा में फिर राजेंद्र वर्मा व अर्जुन वर्मा आमने-सामने हुए और भाजपा के राजेंद्र ने जीत दर्ज की।

2018 में 7 साल बाद भाजपा से जीती सीट

करीब साढ़े सात साल भाजपा के कब्जे में रहने के बाद सोनकच्छ विधानसभा फिर कांग्रेस के पास आ गई। इस चुनाव में कांग्रेस से सज्जनसिंह वर्मा मैदान में उतरे और भाजपा ने फिर राजेंद्र वर्मा को मौका दिया। इस चुनाव में फिर वर्मा ने इस सीट को जीतकर कांग्रेस की झोली में डाल दिया।

ये रहे अब तक विधायक

- 1957: भागीरथ सिंह : बीजेएस

- 1962: भागीरथ सिंह: बीजेएस

- 1967: खोबचंद: बीजेएस

- 1972: बापूलाल किशनलाल, कांग्रेस

- 1977: देवीलाल रायकवाल बुलचंद, जेएनपी

- 1980: बापूलाल किशन लाल मालवीय, कांग्रेस (आई)

- 1985: सज्जन सिंह वर्मा, कांग्रेस

- 1990: कैलाश, भाजपा

- 1993: सुरेंदर वर्मा, भाजपा

- 1998: सज्जनसिंह वर्मा, कांग्रेस

- 2003: सज्जनसिंह वर्मा, कांग्रेस

- 2008: सज्जनसिंह वर्मा, कांग्रेस

- 2010 उनचुनाव राजेन्द्र वर्मा भाजपा

- 2013: राजेंद्र फूलचंद वर्मा, भाजपा

- 2018: सज्जनसिंह वर्मा, कांग्रेस

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