
अब फैसला मां पर ही छोड़ दिया गया है कि वह चाहे जिसके साथ रहे
देवास. आज के दौर में यह दृश्य दुर्लभ है. एक मां के चार बेटे हैं और कोई भी उसके ममत्व से वंचित नहीं होना चाहता. ये चारों मां को अपने साथ रखना चाहते हैं और इसके लिए बाकायदा कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. मां को साथ रखने की बेटों की ऐसी ललक देख कोई भी कुछ कर पाने में विफल साबित हो रहा है. अब फैसला मां पर ही छोड़ दिया गया है कि वह चाहे जिसके साथ रहे.
मां के लिए तो सभी का लगाव रहता है पर देवास में यह वाकया कुछ अनूठा है. यहां एक बुज़ुर्ग माता को अपने साथ रखने के लिए उनके चार बेटे आपस में भिड़ रहे हैं. मां को पास रखने की यह लड़ाई एसडीएम कोर्ट (SDM COURT) तक जा पहुंची है. मां के बयान के लिए जब उन्हें कोर्ट लाया गया तो चारों बेटे कोर्ट कैंपस में ही भिड़ गए. हाथापाई कर रहे बेटों को बमुश्किल अलग—अलग किया जा सका.
बुजुर्ग मां सूरज बाई के चार बेटे हैं. वे करीब बीस साल से अपने एक बेटे प्रह्लाद सिंह के साथ रह रही थीं. उनके तीन अन्य भाई एक दिन मां को अपने साथ ले गए. प्रह्लाद सिंह ने इसकी पुलिस को शिकायत कर दी. प्रह्लाद का आरोप था कि उसके भाई मां को जबरन लेकर गए हैं. इसी शिकायत के आधार पर एसडीएम कोर्ट में मां का बयान दर्ज करने उन्हें बुलाया गया था.
पुलिस बुजुर्ग मां को गाड़ी में बैठाकर कोर्ट लेकर आयी जहां चारों बेटे उपस्थित थे. मां को अपने साथ रखने के लिए प्रह्लाद और उसके तीनों भाइयों में बहस होने लगी. भाई विक्रम और दो अन्य भाइयों का कहना था कि मां तो हम तीनों के साथ ही रहना चाहती है. पुलिस मां को ज़बरदस्ती उठाकर लायी है. इसी बात पर चारों भाइयों में हाथापाई की नौबत आ गयी. भाइयों का ये झगड़ा देर तक चलता रहा.
मां के लिए भाइयों के बीच इस झगड़े को हल करने के लिए एसडीएम प्रदीप सोनी ने फैसला मां पर छोड दिया. सूरज बाई के बयान के दर्ज करने के बाद उन्होंने कहा कि वे खुद ही तय करेंगी कि किस बेटे के साथ रहना चाहती हैं. मां की इच्छा सर्वोपरि है. जिस भी बेटे के साथ वे जाएंगी पुलिस उस पर नजर रखेगी. कोर्ट ने यह भी कहा कि बेटा मां की ठीक से देखभाल कर रहा है या नहीं, इसकी जांच समय—समय पर की जाएगी.
Published on:
05 Oct 2021 08:45 am
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