
सांपों के बढ़ते खतरे पर जागरूकता! डेढ़ साल में 461 सर्पदंश मामले, सर्प मित्र ने बचाए 6000 सांप...(photo-patrika)
Snake Bite in CG: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में बारिश में सर्पदंश के मामले बढ़ जाते हैं। खेतों में कालोनियां बनने के बाद घरों तक सांप पहुंच जा रहे। वर्षाकाल जून और जुलाई में ही 104 सर्पदंश के मामले आए। सांप काटने के बाद पीड़ितों ने जागरूकता दिखाई। बैगा के पास जाने से बेहतर अस्पताल पहुंचे। इसी जागरूकता के चलते सभी 122 मरीजों की जान बच गई।
पिछले डेढ़ वर्ष में सर्पदंश के 461 मामले आए। सिर्फ 2 लोगों की ही मौत हुई। इन दो मामलों में अस्पताल पहुंचने में हुई देरी को कारण बताया जा रहा। डाक्टरों का कहना है कि यदि सामान्य जहरीला सांप काटे तो एक से डेढ़ घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचने पर जान बचाई जा सकती है। कोबरा, करैत जैसे ज्यादा जहरीला सांप काट लें तो जल्द से जल्द मरीज को अस्पताल पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए।
पिछले 8-10 वर्षों में आउटर में खेतों में बने कालोनियों में ज्यादा जहरीले सांप निकलने की खबरें आती रही है। इसका कारण सांपों का रहवास खत्म होना है। धमतरी शहरी क्षेत्र में भी कई बार रसेल वाइपर, कोबरा और करैत जैसे सांप निकलने की खबरें आई है। वर्तमान में सबसे ज्यादा रूद्री रोड, गोकुलपुर सहित आउटरों से लगे शहर के वार्डों में सांप निकलने की घटनाएं सामने आ रही है।
सर्प मित्र सूर्यकांत साहू सांपों के संरक्षण को लेकर बेहतर काम कर रहे हैं। रूद्री निवासी सूर्यकांत को सर्प निकलने की सूचना मिलते ही रेस्क्यू के लिए निकल पड़ते हैं। 2008 से उन्होेंने सर्प मित्र के रूप में यह कार्य शुरू किया। अब तक के प्रयास से उन्होंने 6000 से अधिक सांपों को पकड़कर जंगल में सुरक्षित छोड़ा है। इस तरह 6000 सांपों की उन्हाेंने जान बचाई। सूर्यकांत का कहना है कि बढ़ते शहरीकरण के साथ ही सांपों के रहवास भी समाप्त हो गए हैं। यही कारण है कि सांप अब शहर की ओर रूख कर रहे हैं।
सांप परिस्थितिक तंत्र का महत्वपूर्ण जीव है। यदि सांपों का अस्तित्व समाप्त हो जाए तो परिस्थितिक तंत्र बिगड़ जाएगा। इसका प्रभाव पर्यावरण पर भी देखने को मिलेगा। पहले लोगों में जनजागरूकता की कमी थी, लेकिन अब लोग जागरूक हो गए। धमतरी जिले में कोबरा प्रजाति के सांपों की भरमार है।
अब रसेल वाइपर, अजगर, रेट स्नेक, बैंडेज करैत (अहिराज) जैसे जहरीले सांप भी धमतरी जिले में देखने को मिल रहे हैं। कोबरा के दांत में हिमोटाक्सिन नामक जहर पाया जाता है। इसका इलाज संभव है, लेकिन बैडेंज करैत (अहिराज) के काटने पर शरीर में हिमोटाक्सीन नामक जहर तेजी से फैलता है। इससे बच पाना मुश्किल होता है।
ज्यादातर लोग घरों में सांप देखते ही घबराने लग जाते हैं। जहरीला सांप मानकर मार भी देते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। हर सांप जहरीला नहीं होता। रहवास क्षेत्र में कहीं भी सांप दिखे तो घबराने के बजाए सर्प मित्र को सूचना दें। इससे सांपों को बचा सकेंगे।
बारिश में विशेषकर जंगलों से लगे मकानों में सर्प पहुंचने की संभावना रहती है। ऐसे में जमीन पर सोने से बचना चाहिए। खेतों से लगे मकान में सोए तो मच्छरदानी लगाकर उसे बिस्तर के चारों ओर से दबा दें। जिला अस्पताल धमतरी में पर्याप्त मात्रा में एंटीवेनम उपलब्ध हैं।
Published on:
14 Aug 2025 04:27 pm
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