7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Digital Crop Survey: डिजिटल क्रॉप सर्वे में धमतरी का जलवा! प्रदेश में हासिल किया दूसरा स्थान, जानिए कौन हैं लिस्ट में नंबर 1?

Digital Crop Survey: धमतरी जिला प्रशासन ने किसानों से समर्थन मूल्य में धान खरीदने के लिए तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए डिजिटल क्राप सर्वे का काम लगभग अंतिम चरण में है।

2 min read
Google source verification
डिजिटल क्रॉप (Photo- X narendramodiji)

डिजिटल क्रॉप (Photo- X narendramodiji)

Digital Crop Survey: धमतरी जिला प्रशासन ने किसानों से समर्थन मूल्य में धान खरीदने के लिए तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए डिजिटल क्रॉप सर्वे का काम लगभग अंतिम चरण में है। डिजिटल क्रॉप सर्वे के मामले में प्रदेश में धमतरी जिला दूसरे स्थान पर है। पहले स्थान पर बस्तर है। गिरदावरी का काम 15 अगस्त से 30 सितंबर तक चला। जिले के ऐसे गांव जहां जिओ रेफ्रेेंस नहीं हुआ है। वहां मैनुअल गिरदावरी कर भुईयां पोर्टल में अपलोड किए जाने का निर्देश है।

190 ग्रामों के 205831 खसरे को भुईयां पोर्टल में अपलोड करने लक्ष्य मिला था। अब तक की स्थिति में 179 गावों में 99.4 प्रतिशत खसरों का मैनुअल गिरदावरी काम पूरा कर लिया गया है। मगरलोड तहसील में 121 खसरे का गिरदावरी करना ही शेष है।

172 पद में पटवारी कार्यरत

धमतरी जिले में पटवारियों की कुल स्वीकृत पदों की संख्या 190 है। इसमें से 172 पद में पटवारी कार्यरत है। पटवारी के 18 पद अभी भी रिक्त हैं। कई पटवारियों को दो-दो हल्का सौंपा गया है। गिरदावरी का काम पटवारी के माध्यम से कराया गया है। गिरदावरी में किसी तरह की त्रुटि न हो इसके लिए संबंधित कृषि भूमि में जाकर 3-3 फोटो लेकर सर्वे का काम किया गया।

पटवारियों ने गिरदावरी रिपोर्ट तैयार कर डाटा आरआई को भेजा। पश्चात सत्यापन का काम पूरा कर लिया गया है। सर्वे कार्य के लिए 2148 चयनित पंजीकृत सर्वेयरों की भी सहायता ली गई। इस कार्य के लिए शासन द्वारा सर्वेयरोें को एक खसरे के सर्वे के लिए 10 रूपए का मानदेय दिया जा रहा है।

Digital Crop Survey: पीवी एप से कर सकेंगे गिरदावरी

राजस्व ग्राम घोषित होने के बाद गिरदावरी नहीं होने से पिछले साल कई राजस्व ग्राम के किसान समर्थन मूल्य में धान नहीं बेच पाए थे। इस साल शासन ने इसके लिए व्यापक व्यवस्था की है। असर्वेच्छित, वनग्राम से राजस्व ग्राम घेाषित, नक्शा बटांकन विहिन खसरों तथा डुबान गांवों में लगाए गए फसलों की गिरदावरी के लिए शासन ने पीवी एप लांच किया है। यह एक मोबाइल एप है। इसके माध्यम से घर बैठे गिरदावरी सत्यापन का काम पूरा करा सकेंगे। इससे उन्हें समर्थन मूल्य में धान बेचने में कोई परेशानी नहीं होगी।