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Diwali 2024: छत्तीसगढ़ के इस गांव में एक सप्ताह पहले मनाते हैं सारे त्योहार, आज मनेगी दिवाली… जानिए अनोखी परंपरा?

Diwali 2024: धमतरी के सेमरा-सी में लगभग हर त्योहार सप्ताहभर पहले मनाने की परंपरा है। इस साल भी पर्व पुरानी परंपरा के अनुसार ही मनाया जा रहा है।

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Diwali 2024

Diwali 2024: धमतरी जिले में स्थित ग्राम सेमरा (भखारा) में एक अनोखी परंपरा विगत कई वर्षों से चली आ रही है। पूरे देश में दिवाली एक निश्चित तिथि पर मनाई जाती है लेकिन यहां ग्रामीण दीपावली के एक हफ्ते पहले कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी व नवमी तिथि के दिन ही दिवाली मना लेते हैं। ये परंपरा सदियों पुरानी चली आ रही है।

Diwali 2024: ग्राम सेमरा की अनोखी परंपरा

ग्राम सेमरा के लोग आज भी अनोखी परंपरा का निर्वहन करते हुए एक सप्ताह पहले 24 अक्टूबर को दिवाली मना लेंगे। इसके बाद 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा का होगी। गांव में इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है। भखारा क्षेत्र के ग्राम सेमरा की अनोखी परंपरा है।

यहां प्रमुख त्योहार निर्धारित तिथि से एक सप्ताह पहले मनाया जाता है। ग्रामीण गजेंद्र कुमार सिन्हा, धनेश देवांगन, युकेश सिन्हा ने बताया कि गांव के आराध्य सिरदार देव के आदेश पर पुरखों के जमाने से इस परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गांव का कोई भी व्यक्ति इस परंपरा के खिलाफ नहीं जाता।

यह है मान्यता

बताते हैं कि इस गांव में सैकड़ों वर्ष पहले कोई बुजुर्ग राजा आए और यहीं बस गए। उनका नाम सिरदार था। यह गांव घन घोर जंगल से घिरा हुआ। राजा सिरदार पर गांव वालों गहरी आस्था थी। उनकी चमत्कारी शक्तियों और बातों से ग्रामीण प्रभावित थे।

वे ग्रामीणों परेशानियां दूर करते थे। राजा सिरदार एक रोज शिकार के लिए गए और खुद शिकार हो गए, जिसके बाद गांव के बैगा को सपना आया कि मेरा शव इस स्थान पर है। इस सपने का जिक्र बैगा ने ग्रामीणों से किया लेकिन बैगा की बातों को ग्रामीणों ने नहीं माना।

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इसके बाद मुखिया को यही स्वप्न दिखाई दिया। जिसके बाद ग्रामीणों ने जाकर देखा तो घटना सही थी। उस राजा का अंतिम संस्कार वहीं किया गया। एक छोटी सी चौड़ी में मंदिर स्थापना की गई, जो सिरदार देवता के नाम से जाना गया।

सपने में आए और कहा कि एक सप्ताह पहले मनाओ त्योहार

बाद में सिरदार देवता ने फिर सपने में कहा कि इस गांव में दीपावली सहित होली, हरेली व पोला चार त्योहारों को एक सप्ताह पहले मनाया जाए, जिससे गांव में सुख शांति की वृद्धि होगी। उन्होंने गांवों की खुशहाली के लिए ऐसा करने को कहा तब से हर साल दिवाली, होली, पोला और हरेली निर्धारित तारीख से एक सप्ताह पहले मनाई जाती है।

इस मंदिर में महिलाएं नहीं जाती। गांव के बुजुर्गों के मुताबिक सिरदार देव के मंदिर के पास एकजुट होकर हर्षोल्लास से त्यौहार मनाते हैं। लेकिन परंपरा के अनुसार गांव की युवतियां और शादीशुदा महिलाएं सिरदार देव के करीब नहीं जातीं। ऐसा क्यों किया जाता है इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

खूब करते हैं एंजॉय

Diwali 2024: ग्रामीणों ने बताया कि इस अनोखी परंपरा के चलते उनके गांव में त्योहार का उमंग बढ़ जाता है। आसपास के गांव के लोग भी यहां दिवाली मनाने आते हैं। त्योहार को लेकर ग्रामीणों ने एक वर्चुअल आमंत्रण कार्ड तैयार किया है, जिसे वे रिश्तेदार, सगे संबंधी, दोस्त यार को भेज रहे हैं। इस साल बड़ी संख्या में लोगों के इस त्योहार में शामिल होने की उम्मीद है।