
Price Hike: नवरात्र पर्व नजदीक आते ही तेल समेत घरेलू खाद्य पदार्थों की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। केन्द्र सरकार की ओर से खाद्य तेल पर सीमा शुल्क 20 फीसदी बढ़ाने से घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में 15 से 20 रूपए बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी पाम और सोयाबीन के तेल में हुई है। सरकार ने रिफाइंड तेल पर सीमा शुल्क को 12.5 से बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत कर दिया है। इससे त्योहारी सीजन में यह तेजी 20 रुपए प्रति लीटर या इससे अधिक हो गई है, जिसका सीधा असर घर की रसोई पर पड़ रहा है।
पत्रिका टीम ने शनिवार को शहर के थोक एवं चिल्हर किराना दुकानों में इसकी पड़ताल की। किराना व्यवसायी संतोष वाधवानी, मनीष साहू ने बताया कि त्यौहारी सीजन में घरेलू खाद्य पदार्थों की कीमत में इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि अगस्त माह में रिफाइंड तेल (16 किग्रा) 1700 सौ में बिक रहा था। सितंबर माह में इसकी कीमत बढ़कर 2100 से 2200 रूपए तक पहुंच गई है। इसी तरह अरहर दाल, मूंग दाल, आलू, प्याज समेत अन्य खाद्य पदार्थों की कीमत भी बढ़ी है, जिसका सीधा असर मध्यम वर्गीय परिवार पर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सरसों का तेल भी महंगा हो गया है।
सरकार ने पाम, सोया और सूरजमुखी तेल पर सीमा शुल्क 5.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 27.5 प्रतिशत कर दिया है। जबकि रिफाइंड पर यह शुल्क 13.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 35.75 प्रतिशत कर दिया है। इससे अन्य खाद्य पदार्थों की अपेक्षा तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ज्यादा हुई है। इसका कारण भारी बारिश से सोया, मूंगफली, सरसों आदि (Price Hike) की फसल खराब होना बताया जा रहा है।
खाद्य सामाग्री - अगस्त - 29 सितंबर
रिफाइंड तेल (16किग्रा) 1700 - 2050-2100
सरसों तेल (15 किग्रा) 2080 - 2240
अरहर दाल प्रति किग्रा 110 - 160
मूंग दाल प्रति किग्रा 120 - 165-170
लहसून प्रति किग्रा 320 - 380
जीरा प्रति किग्रा 600 - 400
आलू (प्रति किग्रा) 25 - 42
प्याज (प्रति किग्रा) 26 - 60
गृहिणी पदमनी देवांगन, सृष्टि सोनी ने बताया कि पिछले दो माह में खाद्य पदार्थों की कीमतों में कुछ ज्यादा ही बढ़ोतरी हुई है। इससे अब रसोई में दाल गलाना और तड़का लगाना दोनों ही महंगा पड़ रहा है। लहसुन, प्याज और टमाटर के मूल्यों में इजाफा होने से कीचन में सब्जी का स्वाद भी बिगड़ (Price Hike 2024) गया है। महंगाई की मार से मध्यम वर्गीय परिवारों को काफी परेशानी हो रही है। प्याज 60 रूपए किग्रा, लहसून 90 रूपए पाव हो गया है। इसके अलावा दाल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है।
इधर ऐन त्यौहारी सीजन में केन्द्र द्वारा खाद्य तेलों की कीमतों में 20 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगाए जाने को लेकर कैट ने नाराजगी जताई है। कैट के सदस्यों ने केन्द्र सरकार से कस्टम ड्यूटी घटाने के साथ ही महंगाई पर अंकुश लगाने की मांग की है। उनका कहना था कि यदि तेल में कस्टम ड्यूटी हटा दी जाए तो महंगाई से लोगों को राहत मिलेगी।
Published on:
29 Sept 2024 12:31 pm
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