
मध्य प्रदेश के धार जिले की ऐतिहासिक और संरक्षित इमारत भोजशाला ( bhojshala temple ) का सच जानने के लिए केंद्रीय पुरातत्व ( ASI ) विभाग की टीम के सर्वे को दो महीने का समय पूरा हो चुका है। मंगलवार को 61 वें दिन भी टीम ने बाहरी परिसर में सर्वे कर तथ्य जुटाने का प्रयास किया। अभी तक टीम द्वारा अंदर और बाहरी परिसर में खुदाई सहित स्क्रीनिंग व मेपिंग की जा रही है। मंगलवार होने से हिंदू समाज द्वारा गर्भगृह में पूजन-अर्चन कर सरस्वती वंदना और हनुमान चालीसा ( Hanuman Chalisa path ) का पाठ किया। इस दौरान अयोध्या से आए संत व कथा वाचक रामलला सरकार ने भोजशाला के दर्शन किए। ज्योति मंदिर में दरबार लगाकर लोगों के शंका, समस्याओं का समाधान किया।
भविष्यवक्ता व कथा वाचक रामलला सरकार द्वारा राजगढ़ के समीप पिपरनी में कथा का वाचन किया जा रहा है। जैसे ही उन्हें भोजशाला के बारे में पता चला, वे दर्शन के लिए यहां पहुंच गए। इसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए संत रामलला सरकार ने कहा कि, भोजशाला का कण-कण सनातनी धर्म का प्राण है और जो लोग झूठलाने की बात कह रहे हैं, उन्हें जाग जाना चाहिए। मां सरस्वती के इस प्रागंण का एक-एक कण कह रहा है। सत्य बात यही है कि सनातन धर्म का प्राण है जो लोग जिद कर रहे है, नहीं मान रहे है, उनसे विनम्रता पूर्वक कहना चाहता हूं कि यह उनका भी देश है। सत्य को मानना पड़ेगा और नहीं मानते है तो ये उनका दुर्भाग्य है।
मंगलवार को हिंदू समाज को भोजशाला में पूजा-अर्चना का अधिकार मिला है। भोज उत्सव समिति द्वारा हर हफ्ते मंगलवार को पूजा-अर्चना कर गर्भगृह में मां वाग्देवी और हनुमाजी का चित्र रखकर पूजा की जाती है। इसी के चलते यहां सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। इस अवसर पर याचिकर्ता गोपाल शर्मा, आशीष गोयल सहित बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद थे।
परिसर में अंदर पूजा होने से एएसआई की टीम ने सुबह 10 बजे पहुंचकर बाहरी परिसर में सर्वे किया। जानकारी के अनुसार टीम में 30 अधिकारी-कर्मचारी सहित मजदूर शामिल रहे। वहीं दोनों पक्षों के पक्षकारों की मौजदूगी में सर्वे किया गया।
Published on:
22 May 2024 09:46 am
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