
Ganesh Ji Ki Aarti (photo- freepik)
Anant Chaturdashi Vrat KathaAnd Vidhi: गणेश चतुर्थी का पर्व भक्ति, उल्लास और उत्साह से भरा होता है। दस दिनों तक घर-घर और पंडालों में गणपति बप्पा की स्थापना कर उनकी आराधना की जाती है। भक्तगण रोजाना पूजा, भजन और आरती के जरिए बप्पा को प्रसन्न करते हैं। लेकिन जब विसर्जन का समय आता है तो हर किसी का मन भावुक हो उठता है। मान्यता है कि बप्पा अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी कर वापस कैलाश जाते हैं। इसलिए विसर्जन से पहले गणपति की विशेष आरती और पूजन का महत्व और भी बढ़ जाता है।
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, आरती करने से वातावरण शुद्ध होता है और ईश्वर की दिव्य ऊर्जा भक्तों तक पहुंचती है। गणपति विसर्जन से पहले की जाने वाली आरती, भगवान गणेश के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक है। इसमें हम बप्पा से आशीर्वाद मांगते हैं कि वे हमें बुद्धि, विवेक और सुख-समृद्धि प्रदान करें।
विसर्जन केवल प्रतिमा को जल में प्रवाहित करना नहीं है, बल्कि यह हमारी भावनाओं को ईश्वर तक पहुंचाने का एक माध्यम है। भक्त मानते हैं कि बप्पा हर साल आते हैं और हमारे दुख-दर्द हरकर खुशियों का आशीर्वाद देकर जाते हैं। इसलिए आरती करते समय हृदय से प्रार्थना करें कि गणपति अगले साल फिर हमारे घर पधारें और जीवन में सुख-शांति का संचार करें।
Updated on:
06 Sept 2025 10:25 am
Published on:
29 Aug 2025 01:59 pm
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