6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Anant Chaturdashi 2025 Date: 6 या 7 सितंबर? जानें अनंत चतुर्दशी 2025 की सटीक तारीख और गणेश विसर्जन मुहूर्त

Anant Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी 2025 पर गणेश विसर्जन कब करें, 6 या 7 सितंबर? जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और विधि। इस दिन बप्पा के विसर्जन से मिलता है सालभर सुख-समृद्धि और आशीर्वाद।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Dimple Yadav

Sep 04, 2025

Anant Chaturdashi 2025

Anant Chaturdashi 2025 (photo- chatgtp)

Anant Chaturdashi 2025 Date And Time: हिंदू शास्त्र के अनुसार गणेश उत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ होता है। गणेश चतुर्थी पर बप्पा की स्थापना करने के बाद भक्त पूरे 10 दिनों तक गणेशजी की आराधना करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन विधिविधान से उनका विसर्जन करते हैं। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी को लेकर लोगों के मन में तारीख को लेकर थोड़ी उलझन है। क्या यह 6 सितंबर को है या 7 सितंबर को?

हिंदू पंचांग के अनुसार, अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर 2025, शनिवार को पड़ेगी। इस दिन गणपति विसर्जन का महत्व विशेष रूप से बताया गया है। धार्मिक मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन गणेशजी का विसर्जन करने से भक्तों पर सालभर उनकी कृपा बनी रहती है। सुख-समृद्धि, कार्य सिद्धि और परिवार में मंगलमय वातावरण की प्राप्ति होती है।

गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त 2025 (Ganesh Visarjan 2025 Muhurat )

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, विसर्जन के लिए दिनभर कई शुभ चौघड़िया और विशेष मुहूर्त मिल रहे हैं:

  • शुभ चौघड़िया (सुबह): 7:26 बजे से 9:10 बजे तक
  • लाभ चौघड़िया (दोपहर): 1:54 बजे से 3:28 बजे तक
  • अमृत चौघड़िया (दोपहर): 3:28 बजे से 5:03 बजे तक
  • लाभ चौघड़िया (शाम): 6:37 बजे से 8:03 बजे तक
  • शुभ चौघड़िया (रात): 9:29 बजे से 10:55 बजे तक
  • अमृत काल: 12:50 बजे से 2:23 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 6:37 बजे से 7:00 बजे तक

इन मुहूर्तों में विसर्जन करने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।

गणेश विसर्जन की विधि

गणेश विसर्जन से पहले विधिपूर्वक गणपति जी की अंतिम पूजा करना आवश्यक है। इसके लिए सबसे पहले गणेशजी को एक चौकी पर विराजमान करें और उन पर गुलाबी वस्त्र बिछाएं। फल, मोदक, सुपारी और वस्त्र अर्पित करें। गणपति जी की आरती करें और मनोकामनाओं को उनके दाहिने कान में कहें। विसर्जन से पूर्व कपूर से आरती कर जयकारों के साथ प्रतिमा को जल में प्रवाहित करें।