
Varun Dev
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में पवित्र स्नान का विशेष महत्व है। इस भव्य समागम में करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम के अमृतमयी जल में स्नान के लिए जुट रहे है। धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान यहां स्नान करने से मनुष्य के पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि संगम के जल में स्नान से पहले कौन से देवता की पूजा करना जरुरी होता है? अगर नहीं पता है तो यहां जानिए।
सनतान धर्म में सृष्टी की हर चीज किसी न किसी देवता को समर्पित है। ऐसे ही वरुण देव जल के देवता और समुद्र के अधिपति माना जाता है। वे अमृतमयी जल के संरक्षक हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार वरुण देव पृथ्वी पर सभी जल स्रोतों की शुद्धता बनाए रखने का कार्य करते हैं। वरुण देव की कृपा से व्यक्ति मानसिक और शारीरिक शुद्धता प्राप्त करता है। इस लिए महाकुंभ जैसे पवित्र अवसर पर स्नान से पहले वरुण देव की पूजा करना बहुत जरुरी होता है। क्योंकि पवित्र जल में स्नान से पहले उनका आशीर्वाद लेना स्नान को और अधिक प्रभावी बनाता है।
महाकुंभ में स्नान से पहले श्रद्धालुओं को गंगाजल या अन्य पवित्र जल लेकर वरुण देव का ध्यान करना चाहिए।
स्नान से पहले तांबे के पात्र में जल लेकर उसमें पुष्प, चंदन और तुलसी पत्र डालें।
जल को सामने रखकर वरुण देव का ध्यान करें और मंत्र ॐ वरुणाय नमः का जाप करें।
पूजन के पश्चात इस जल को नदी में अर्पित करें और स्नान करें।
इस प्रक्रिया से व्यक्ति के अंदर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और आत्मा शुद्ध होती है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार महाकुंभ के आयोजन की कहानी अमृत के लिए हुए देव-दानव संघर्ष की कथा से जुड़ी हुई है। मान्यता है कि जब समुद्र मंथन हुआ तो अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में गिरीं। ये स्थान अमृतमयी ऊर्जा से भर गए। वरुण देव का संबंध भी इसी अमृतमयी जल से है। क्योंकि वे समुद्र और जल के अधिपति हैं।
मानसिक शांति: वरुण देव की आराधना से मन को शांति और संतुलन मिलता है।
आध्यात्मिक शुद्धि: जल देव की पूजा करने से मन और आत्मा शुद्ध होती है।
पापों से मुक्ति: ऐसा माना जाता है कि वरुण देव की कृपा से पिछले जन्मों के पापों का नाश होता है।
धन और समृद्धि: जल के देवता होने के कारण वरुण देव की पूजा से जीवन में समृद्धि आती है।
महाकुंभ का उद्देश्य आत्मा की शुद्धि और ईश्वर के समीप जाना है। स्नान से पहले वरुण देव की पूजा करने से स्नान का महत्व और बढ़ जाता है। इससे व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
महाकुंभ में स्नान के दौरान वरुण देव की पूजा करना एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रक्रिया है। यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ-साथ उसे आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करता है। अमृतमयी जल का महत्व और वरुण देव की कृपा से जीवन को नई दिशा मिलती है। इस पवित्र अवसर पर उनकी आराधना से मोक्ष की प्राप्ति और जीवन का शुद्धिकरण होता है।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
Published on:
22 Jan 2025 01:35 pm
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