कुंदे में बंद तीर्थराज मचकुण्ड की गाथा
धौलपुरPublished: May 20, 2019 12:35:03 pm
दिल्ली से जयपुर वाया धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर के मध्य नया पर्यटन सर्किट बनाने की योजना को देखते हुए पिछली राज्य सरकार ने तीर्थराज मचकुण्ड सरोवर परिसर में ऋषि की यादों को सहेजने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से पेनोरमा तो बना दिया
कुंदे में बंद तीर्थराज मचकुण्ड की गाथा
धौलपुर. दिल्ली से जयपुर वाया धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर के मध्य नया पर्यटन सर्किट बनाने की योजना को देखते हुए पिछली राज्य सरकार ने तीर्थराज मचकुण्ड सरोवर परिसर में ऋषि की यादों को सहेजने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से पेनोरमा तो बना दिया और इसका डिजीटल लोकार्पण भी पूर्व सीएम ने जयपुर से सितम्बर माह में कर दिया, लेकिन इन यादों को आम जनता के लिए अभी तक नहीं खोला गया है। ऋषि की गाथा यादों के झरोखे से बाहर नहीं आ पा रही है। ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों में उत्सुकता बनी हुई है। पेनोरमा में मचकुण्ड महाराज की प्रतिमा तो है ही, इसके अलावा श्रीकृष्ण, जरासंध, कंस की पत्नियां, कालयवन, कार्तिकेय सहित विभिन्न संघर्ष व वार्तालापों को दर्शाती हुई प्रतिमाएं हैं, जो श्रद्धालुओं व पर्यटकों को आकर्षित तो करेंगी। साथ ही इतिहास का ज्ञानवद्र्धन होगा। अगर पेनोरमा शीघ्र ही खुलता है तो गर्मियों की छुट्टियों में आने वाले पर्यटकों से आय बढ़ सकती है।