सेनेटरी पैड निस्तारण को प्रदेशभर में लगेंगी इन्सीनेरेटर मशीनें
धौलपुरPublished: Jan 19, 2019 06:01:35 pm
प्रदेश में महिलाओं तथा किशोरियों को पीरियड के दौरान शर्मनाक स्थिति से निजात दिलाने के लिए सेनेटरी पैड निस्तारण के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में इन्सीनेरेटर (भस्मक) मशीन लगाई जाएंगी।
सेनेटरी पैड निस्तारण को प्रदेशभर में लगेंगी इन्सीनेरेटर मशीनें
-स्वच्छ भारत मिशन के ठोस एवं तरल संसाधन प्रबंधन की डीपीआर में होगी शामिल धौलपुर. प्रदेश में महिलाओं तथा किशोरियों को पीरियड के दौरान शर्मनाक स्थिति से निजात दिलाने के लिए सेनेटरी पैड निस्तारण के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में इन्सीनेरेटर (भस्मक) मशीन लगाई जाएंगी। इसके लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस एवं तरल संसाधन प्रबंधन की बनाई जा रही डीपीआर में शामिल करने के आदेश जारी किए गए हैं। मिशन (ग्रामीण) के उप निदेशक ने शुक्रवार को जारी आदेश में कहा है कि ठोस एवं तरल संसाधन प्रबंधन के लिए जिलों से भेजी जा रही डीपीआर में एमएचएम (माहवारी एवं स्वच्छता प्रबंधन) को शामिल नहीं किया जा रहा है। जबकि यह भी स्वच्छता का एक घटक है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में सेनेट्री पैड निस्तारण के लिए इन्सीनेरेटर का प्रावधान लिया जाना है। इस मशीन की अनुमानित लागत 25 से 40 हजार रुपए के मध्य है। ग्राम पंचायतों में आवश्यकता अनुसार डीपीआर में शामिल किया जाए।
अभी यह है स्थिति
फिलहाल राज्य सरकार की ओर से एमओयू के तहत एक निजी कम्पनी की ओर से ब्लॉक के माध्यमों से स्कूलों में छात्राओं के लिए तथा पीएचसी व सीएचसी के माध्यम से महिलाओं व स्कूल नहीं जाने वाली किशोरियों के लिए सेनेटरी पैड वितरित किए जा रहे हैं। लेकिन कहीं भी निस्तारित करने के लिए मशीन नहीं है। इस कारण सेनेटरी पैड को या तो स्कूलों के बाथरूम में डाले जा रहे हैं या फिर खुले में डाल दिए जाते हैं। वहीं सर्वे में शामिल आया है कि कई छात्राएं तो इस दौरान स्कूल ही नहीं जाती हैं। वहीं सिर्फ सेनेटरी पैड फेंकने के लिए ही घर में शौचालय होने के बावजूद खुले में शौच जाती हैं। वहीं अन्य महिलाएं भी तालाब, कुएं या फिर सार्वजनिक स्थान पर पैड फेंक देती है। यह भी एक प्रकार का कचरा है और इससे भी प्रदूषण व संक्रमण फैलता है। इसे रोकने के लिए यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
यहां लगेगी मशीन
ग्राम पंचायतों में शिक्षण संस्थानों, महिला सुलभ शौचालयों के अंदर, सरकारी कार्यालयों में सहित सार्वजनिक स्थान पर बने महिला शौचालयों के अंदर इस मशीन को लगाया जाएगा।
इसलिए जारी करने पड़े आदेश
सभी जिलों से ठोस एवं तरल प्रबंधन की डीपीआर मंगाई गई, लेकिन जिलों से भेजी जा रही डीपीआर में एमएचएम घटक को शामिल नहीं किया जा रहा है। जबकि गाइड लाइन में यह घटक भी शामिल हैं। धौलपुर से भी 172 पंचायतों में से 37 पंचायतों की डीपीआर भेज दी गई, लेकिन इनमें भी उक्त घटक को शामिल नहीं किया गया।
इनका कहना है
गांवों में महिलाएं एवं किशोरी शर्म के कारण सेनेटरी पैड को इधर-उधर फेंक देती है, जबकि यह भी एक प्रकार का कचरा है और प्रदूषण फैलता है। जिलों से भेजी जा रही डीपीआर मेंं इन्सीनेरेटर मशीन को भी शामिल करने के लिए आदेश जारी किए हैं। जिससे महिलाओं व किशोरी को शर्मनाक स्थिति से निजात मिल सके।
पराग चौधरी, उपनिदेशक, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) जयपुर।
……………………
जिले के सभी स्कूलों में राज्य सरकार की ओर से अनुबंधित कम्पनी की ओर से ब्लॉकों के माध्यम से तथा अन्य किशोरियों को पीएचसी व सीएचसी के माध्यम से सेनेटरी पैड का वितरण किया जा रहा है, लेकिन निस्तारण के लिए जिले में भी एक भी मशीन नहीं हैं।
डॉ. गोपाल प्रसाद गोयल, सीएमएचओ, धौलपुर।