scriptजहां पुलिस ने पकड़ा शराब का अवैध कारोबार, वहीं खुले में बिक रही शराब | Where the police caught the illegal trade of liquor, the wine sold in | Patrika News

जहां पुलिस ने पकड़ा शराब का अवैध कारोबार, वहीं खुले में बिक रही शराब

locationधौलपुरPublished: May 23, 2019 11:34:38 am

Submitted by:

Naresh

कुछ दिनों पहले ही रेलवे पुलिस के सामने ठेके पर सीओ के निर्देश पर हुई थी अवैध बिक्री पर कार्रवाईजिला आबकारी विभाग की कार्य शैली पर सवाल

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जहां पुलिस ने पकड़ा शराब का अवैध कारोबार, वहीं खुले में बिक रही शराब

धौलपुर. शहरी क्षेत्र में जिला आबकारी विभाग अवैध शराब के कारोबार पर मूक दर्शक बना हुआ है । विभाग की लचर व्यवस्था के चलते शहर कोतवाली थाना इलाके की रेलवे पुलिस चौकी के सामने खुले आम शराब का अवैध कारोबार चल रहा है। मजे की बात यह है कि यहां कुछ दिनों पहले ही शहर पुलिस उपाधीक्षक के निर्देशन शराब के अवैध कारोबार पर छापा भी मारा और मामला भी दर्ज किया। यहां फिर भी शराब का अवैध कारोबार अल सुबह से ही शुरू हो रहा है। ऐसे में पुलिस और जिला आबकारी विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए है।
उल्लेखनीय है कि शहर पुलिस उपाधीक्षक दिनेश शर्मा के निर्देशन में गत 22 अप्रेल को रेलवे पुलिस चौकी के सामने देसी ठेके से देर रात को भी शराब का अवैध व्यापार पर कार्रवाई की गई थी। कार्रवाई की सूचना जिला आबकारी विभाग को भी दी गई, लेकिन घटना के 24 घंटे तक आबकारी विभाग ने मामला दर्ज कराने के लिए कोई भी रूचि नहीं दिखाई। मामला उजागर होने के बाद विभाग की ओर से मामले दर्ज की औचारिकता पूर्ति कर दी।
फिर से शुरू हुआ अवैध कारोबार
अवैध शराब पर पुलिस कार्रवाई को दस दिन भी नहीं हुए कि यहां फिर से शराब की बिक्री शुरू हो गई है। अल सुबह ही ठेके के समीप करीब दो-तीन स्थानों पर देशी शराब के क्वार्टरों को प्लास्टिक के कट्टों में रख दिया जाता है और यहां सेल्स मैन खड़े होकर शराब की अवैध बिक्री करते है, सुबह करीब दस बजे इस बिक्री को रोक दिया जाता है और इसके बाद शराब की बिक्री ठेके से शुरू कर दी जाती है।
मिलीभगत से चल रहा कारोबार
शराब व्यापार से जुड़े लोगों से जब जानकारी जुटाने पर सामने आया कि शहर में शराब की अवैध बिक्री का कारोबार आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से चलता है। जिन-जिन स्थानों पर शराब नियमों का उल्लघंन करते हुए बेची जा रही है, इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों को भी है। लेकिन मामला उजागर होने पर कुछ दिनों तक अवैध बिक्री पर रोक लगा दी जाती है और कुछ दिनों बाद स्थिति जस की तस हो जाती है।
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