एक पताशे में 1-2 काली मिर्च सुबह खाली पेट चबाकर खाएं। एक किलो चीनी की चार तार की चाशनी बनाकर उसमें 100 ग्राम घी, 25 ग्राम काली मिर्च, 100 ग्राम पुनर्नवा जड़ , 25 ग्राम मुलैठी, 50 ग्राम शतावरी व 50 ग्राम त्रिफलां(सभी पाउडर के रूप में) मिलाएं। शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की रोशनी में एक थाली में इसे जमाएं। इसके पीस काट लें। एक पीस रोजाना 30 दिनों तक खाएं। नेत्र के किसी भी रोग में तेजी से लाभ मिलेगा।
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एक चम्मच शहद में अदरक का रस व 4-5 काली मिर्च पीसकर मिलाएं व सुबह-शाम चाटें। 10 काली मिर्च, 10 पताशे, पांच तुलसी के पत्ते, एक बड़ी इलाइची व थोड़ी-सी अदरक को पीसकर 250 मिलिलीटर पानी में धीमी आंच पर उबालें। 200 मिलिलीटर पानी बचने पर इसे छान लें। अब इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर धीरे-धीरे पिएं। इससे जुकाम और कफ की समस्या में आराम मिलेगा।
पांच काली मिर्च व तीन बादाम पीस लें, इसमें चौथाई चम्मच सफेद चंदन, चौथाई चम्मच लाल चंदन, थोड़ा कपूर व घी को मिलाकर सिर पर लेप करें। ऎसा लगातार 10-15 दिनों तक करें।
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नींबू को काटकर उसमें काली मिर्च पाउडर व थोड़ा काला या सेंधा नमक छिड़कें। तवे पर धीमी आंच में गर्म करें व इसके रस को थोड़ा-थोड़ा करके लें। ध्यान रहे: नाक से खून, पेट या पेशाब में जलन, गर्भवती महिला व दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे इसके प्रयोग से बचे क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है।