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स्तनपान कराने वाली महिला कॉफी, सोडा या चाय पीती है, तो थोड़ी-बहुत मात्रा में कैफीन दूध में मिल ही जाता है, जिसे बच्चे अच्छी तरह पचा नहीं पाते। इस कारण कई बार उन्हें चिड़चिड़ापन, दर्द और नींद न आने की समस्या हो जाती है। यदि मां को कॉफी पीने की बहुत ज्यादा इच्छा करे तो बच्चे को दूध पिलाने के बाद, वह ऐसा कर सकती हैं।
स्तनपान कराने वाली महिला द्वारा खाने में ली जाने वाली चीजों से ही दूध बनता है। भोजन का सीधा इफेक्ट दूध पर पड़ता है। ज्यादा मिर्ची और तेल की सब्जी खाने से बच्चे को पेट में जलन हो सकती है।
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चॉकलेट में कैफीन होता है। हालांकि इसमें कॉफी की तुलना में कैफीन की मात्रा कम होती है। लेकिन चॉकलेट ज्यादा मात्रा में खाई जाती है, इसलिए इसे खाना तुरंत बंद कर देना चाहिए। खट्टे फलों से बनाए दूरी
खट्टे फलों के रस में पाए जाने वाले कुछ तत्व बच्चे का पेट खराब करते हैं। इससे उन्हें घबराहट और बैचेनी भी हो सकती है, वे चिड़चिड़े हो सकते हैं या दूध फिर से बाहर निकाल सकते हैं। इस समस्या से बचने के लिए, खट्टे फलों से मिलने वाले विटामिन C की कमी को पूरा करने के लिए माताएं पपीता या आम खा सकती हैं।
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शुरुआती तौर पर तो महिलाओं को लहसुन और मिर्च मसालों से दूरी बना लेनी चाहिए। यदि लहसुन खाना महिला को अच्छा लगता है तो भी इसके सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि लहसुन की गंध दूध में भी आती है। इस गंध के चलते बच्चा दूध न पी सके तो ठीक नहीं रहता।
मूली और गोभी का सेवन स्तनपान कराने वाली महिलाओं नहीं करना चाहिए। क्योंकि इनसे गैस की समस्या होती है और महिलाओं को हार्ट बर्न (सीने में जलन) की समस्या हो सकती है। इसके सेवन से शिशु को भी पाचन संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
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पुदीना मां के दूध के उत्पादन को कम करता है। इसलिए यदि कोई स्त्री स्तनपान करवा रही है तो खाने में पुदीने का प्रयोग न करें।