आमतौर पर सोयाबीन या उसके प्रोडक्ट, गेंहू से बने खाद्य, बादाम, तरह-तरह के उत्पादों से तैयार फास्ट फूड, समुद्री मछली, केवड़ा या अंडा जैसे कई खाद्य पदार्थों से फूड एलर्जी हो जाती है। किसी दवा के साइड-इफेक्ट, रसायन, स्प्रे, एक्सरे या स्कैन से पहले शरीर में प्रविष्ट कराए जाने वाले कंट्रास्ट, जहरीले कीड़े के काटने आदि से भी इंटरनल एलर्जी हो सकती है।
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हल्की-फुल्की है तो आंख-नाक से पानी, खुजली, उल्टी, पेट व सिर दर्द जैसे साधारण एलर्जी के लक्षण ही दिखेंगे। यदि होंठ, जीभ या मुंह के भीतरी हिस्से में खारिश महसूस हो, तो अलर्ट हो जाएं क्योंकि इसके प्रभाव से गले और मुंह के भीतरी हिस्से में सूजन आ जाती है। ग्रास या घूंट निकलने में तकलीफ होती है। यह स्थिति ‘ऐनाफाइलेक्सिस’ कहलाती है। बीपी कम हो जाता है, पल्स तेज और सांस की तकलीफ बढज़ाती है।
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छोटे बच्चे असामान्य व्यवहार करें तो डॉक्टर को दिखाएं ।इलाज से पहले डॉक्टर को बताएं दवा विशेष से एलर्जी की बात ।एलर्जी के मरीज एंटीएलर्जिक टैबलेट व इंजेक्शन साथ रखें।एलर्जी टेस्ट करवाएं