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Risk of heart attack : कमर की बढ़ती चर्बी से बढ़ सकती है हार्ट अटैक की आशंका

Increased waist fat can increase the risk of heart attack : हृदयाघात यानी हार्ट अटैक के बहुत-से कारण हो सकते हैं। कमर की बढ़ती चर्बी भी इन्हीं में से एक है। हाल ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में यह कहा गया है कि किसी व्यक्ति की कमर पर बढ़ती चर्बी हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम दस फीसदी तक बढ़ा सकती है। जानिए क्या कहा है इस रिसर्च में-

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Health News : Increased waist fat can increase the risk of heart attack

- 272 भारतीयों की मृत्यु हृदय रोगों से होती है प्रति एक लाख में से, जबकि वैश्विक स्तर पर यह संख्या 235 है।

ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी, 2020

Increased waist fat can increase the risk of heart attack : हृदयाघात यानी हार्ट अटैक के बहुत-से कारण हो सकते हैं। कमर की बढ़ती चर्बी भी इन्हीं में से एक है। हाल ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में यह कहा गया है कि किसी व्यक्ति की कमर पर बढ़ती चर्बी हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम दस फीसदी तक बढ़ा सकती है। जानिए क्या कहा है इस रिसर्च में-

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40 फीसदी तक की आशंका अधिक

रिसर्च के अनुसार, 37 इंच की कमर वाले व्यक्ति की तुलना में 41 इंच की कमर वाले व्यक्ति को हृदय संबंधी समस्याएं होने की आशंका 40 प्रतिशत ज्यादा हो सकती हैं। इसके साथ ही रिसर्च में ज्यादा वजन वाले लोगों की तुलना में ज्यादा कमर वाले लोगों में हृदय की स्थिति विकसित होने की आशंका ज्यादा पाई गई।

शोध में सामने आई यह बात
रिसर्च के मुख्य शोधकर्ता डॉ. अयोडिपुपो ओगुंटाडे के अनुसार, हाइ बॉडी मास इंडेक्स वाले व्यक्ति की तुलना में ज्यादा चर्बीयुक्त कमर वाले व्यक्ति में हार्ट फेलियर की आशंका 3.21 गुना ज्यादा सामने आई। जबकि इसके बाद की श्रेणी के व्यक्ति में इसका जोखिम 2.65 गुना पाया गया।

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Adverse effect on heart function हृदय की कार्यप्रणाली पर विपरीत असर
कमर पर बढ़ी हुई चर्बी यह संकेत देती है कि संबंधित व्यक्ति की आंत की चर्बी ज्यादा है। यह अतिरिक्त फैट के रूप में पेट के चारों ओर जमा हो जाती है, जिससे रक्तवाहिकाओं में खून की गति बाधित होने लगती है। इससे हृदय की कार्य प्रणाली भी प्रभावित होने लगती है।


do light exercise regularly नियमित करें हल्की एक्सरसाइज
हर सप्ताह 150 मिनट्स मॉडरेट इंटेंसिटी एक्टिविटीज करें। इनमें साइकिल चलाना, डांसिंग, ब्रिस्क वॉकिंग, हाइकिंग, इनलाइन या रोलर स्केटिंग, स्विमिंग, रनिंग जैसी एक्टिविटीज शामिल करें। इसके अलावा सामान्य दिनचर्या में सीढ़ी चढऩा, लिफ्ट का उपयोग न करना और छोटी दूरियों के लिए बाइक-कार की जगह पैदल चलना आदि।

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Do not take protein diet immediately after exercise व्यायाम के तुरंत बाद न लें प्रोटीन डाइट

व्यायाम के तुरंत बाद खुद से प्रोटीन डाइट न बढ़ाएं, कई बार यह गुर्दों के लिए दिक्कत दे सकता है। सलाद, मौसमी फल व सब्जियां, फाइबरयुक्त आहार आदि लें। इनसे अच्छी कैलोरी मिलती हैं, लेकिन ये चर्बी नहीं बढ़ाते हैं। समय-समय पर अपने वेस्ट-हिप रेशो की जांच भी करते रहें और ज्यादा हो तो घटाएं। खाना खाते समय मोबाइल फोन से दूरी रखें, ताकि डाइट नियंत्रित रहे।
डॉ. हेमंत चतुर्वेदी, कार्डियोलॉजिस्ट, जयपुर

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।