
धरने पर डटे ग्रामीण (फोटो-पत्रिका)
डूंगरपुर। जिले के दोवड़ा थाने में पुलिस कस्टडी में युवक की तबीयत बिगड़ने के बाद उदयपुर में उपचार के दौरान मौत के मामले में बुधवार शाम को ग्रामीणों व प्रशासन में तीन मांगों पर सहमति बनी। जिसके बाद ग्रामीणों ने रात को धरना समाप्त किया। पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में दोवड़ा थानाधिकारी सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इधर, मृतक युवक दिलीप के शव का उदयपुर में पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार को गांव में अंतिम संस्कार होगा।
प्रतिनिधि मण्डल में आसपुर विधायक उमेश मीणा, कान्ति आदिवासी, अनुतोष रोत, पोपट खोखरिया व प्रशासन के बीच बुधवार सुबह से वार्ता शुरू हो गई। इस बीच ग्रामीण कलक्ट्रेट के बाहर धरने पर डटे रहे। काफी दौर के बाद शाम को मांगों पर सहमति बनी। प्रशासन ने दोवड़ा थानाधिकारी सहित पांच पुलिसकर्मी को निलंबित करने के साथ ही मृतक दिलीप के पिता जीवराज अहारी को जनजाति आश्रम छात्रावास रघुनाथपुरा में प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से चौकीदार के पद पर नियुक्ति देने, मृतक के परिजनों को उचित आर्थिक सहायता प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की।
पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि दोवड़ा थानाधिकारी तेजकरण, देवसोमनाथ चौकी प्रभारी एएसआई वल्लभराम पाटीदार, हैडकांस्टेबल सुरेश कुमार, कांस्टेबल पुष्पेंद्र सिंह, माधव सिंह को निलंबित कर दिया हैं। निलंबनकाल के दौरान इन सभी का मुख्यालय रिजर्व पुलिस लाइन डूंगरपुर किया है।
दोवड़ा पुलिस ने वसी गांव के एक स्कूल में हुई चोरी के मामले में करालिया देवसोमनाथ निवासी दिलीप पुत्र जीवरात अहारी को डूंगरपुर शहर से हिरासत में लिया था। इसके बाद दिलीप की तबीयत खराब हुई थी। जिसे स्थानीय स्तर पर उपचार के बाद उदयपुर रैफर किया था। जहां मंगलवार को उसकी मौत हो गई। ग्रामीण सोमवार को जिला कलक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे गए थे। इस पर मंगलवार रातभर ग्रामीणों व प्रशासन के बीच वार्ता चली थी। यह वार्ता बुधवार को अन्तिम नतीजे तक पहुंची।
प्रशासन व प्रतिनिधि मंडल के बीच विभिन्न मांगों को लेकर सहमति वार्ता के काफी दौर चले। उचित मुआवजे सहित अन्य वाजिब मांगों पर सहमति बनी है। जिसके बाद धरना समाप्त हो गया है। -अंकित कुमार सिंह, जिला कलक्टर डूंगरपुर
Updated on:
01 Oct 2025 07:47 pm
Published on:
01 Oct 2025 05:10 pm
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